IIP Data: इलेक्ट्रिसिटी माइनिंग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में प्रोडक्शन बढ़ने के चलते अप्रैल में 5% रहा आईआईपी ग्रोथ रेट
Industrial Production: जानकारों के मुताबिक इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में बढ़ोतरी के लिए खपत बढ़ना जरूरी है. ग्रामीण इलाकों में ये बेहतर मानसून पर निर्भर करेगा.
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IIP Data: नए वित्त वर्ष 2024-25 के पहले महीने अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 5 फीसदी का ग्रोथ रेट देखने को मिला है जो बीते साल समान महीने में 4.6 फीसदी रहा था. माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में प्रोडक्शन बढ़ने के चलते इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडेक्शन में ये उछाल देखने को मिला है. मार्च 2024 में आईआईपी ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी रहा था. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में औद्योगिक उत्पादन का ग्रोथ रेट 5.8 फीसदी रहा है जो उसके वित्त वर्ष 2022-23 में 5.2 फीसदी रहा था.
सांख्यिकी मंत्रालय ने औद्योगिक उत्पादन दर का डेटा जारी किया है. जिसमें माइनिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी, मैन्युफैक्चरिंग का 3.9 फीसदी और इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर के ग्रोथ रेट 10.2 फीसदी रहा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के ग्रोथ में बेसिक मेटल्स का ग्रोथ रेट 8.1 फीसदी, रिफाइंड प्रेट्रोलियम प्रोडेक्ट्स का 4.9 फीसदी और मोटर व्हीकल्स का प्रोडेक्शन 11.4 फीसदी के दर से बढ़ा है.
अप्रैल में आईआईपी ग्रोथ रेट में प्राइमरी गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, कंट्रक्शन गुड्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स का प्रमुख योगदान रहा है. प्राइमरी गुड्स अप्रैल 2024 में 7 फीसदी, कैपिटल गुड्स 3.1 फीसदी, इँटरमीडिएट गुड्स 3.2 फीसदी, इंफ्रास्ट्रक्चर 8 फीसदी कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 9.8 फीसदी के दर से बढ़ा है. नॉन-ड्यूरेबल्स कंज्यूमर ड्यूरेबल्स अप्रैल में -2.4 फीसदी के दर से बढ़ा है.
केयरएज रेटिंग्स की मुख्स अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने आईआईपी डेटा पर कहा, भारत का इंडस्ट्रियल आउटपुट अप्रैल में 5 फीसदी रहा है जिसे इसके पहले महीने में रिवाइज कर 5.4 फीसदी किया गया था. उन्होंने कहा, इलेक्ट्रिसिटी और माइनिंग में उत्पादन बढ़ा है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का ग्रोथ रेट मॉडरेट रहा है. इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन गुड्स का आउटपुट ग्रोथ सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर से मिले सपोर्ट के चलते 8 फीसदी के दर से बढ़ा है.
रजनी सिन्हा के मुताबिक इंडस्ट्रियल एक्टिविटी में तेजी के लिए खपत के मोर्चे पर सुधार जरूरी है. बेहतर मानसून के साथ मानसून का सही डिस्ट्रीब्यूशन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिमांड बढ़ाने के लिए जरूरी है. उन्होंने कहा, फूड बास्केट में महंगाई में उछाल ग्रामीण इलाकों में डिमांड बढ़ाने की राहत में चुनौती बना हुआ है.
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