अगस्त में IIP ग्रोथ घटकर 1.1% पर आई, फरवरी 2013 के बाद सबसे निचला स्तर
आईआईपी में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्ट की हिस्सेदारी 77 फीसदी है और इसी सेक्टर की गिरावट के चलते आईआईपी ग्रोथ में भारी गिरावट दर्ज की गई है. इस अगस्त में आईआईपी दर गिरकर 1.1 फीसदी पर आ गई है.
नई दिल्ली: अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार आ रही बुरी खबरों के बीच एक ऐसा आंकड़ा आ गया है जो सरकार की परेशानी और बढ़ा सकता है. देश के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में भारी गिरावट दर्ज की गई है और ये 6 साल के निचले स्तर पर आ गया है. इस बार आईआईपी (इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन) का जो स्तर आया है वो साल फरवरी 2013 के बाद का सबसे कमजोर स्तर है.
मैन्यूफैक्चरिंग, पावर और माइनिंग सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से अगस्त महीने में औद्योगिक उत्पादन घटकर 1.1 फीसदी हो गया है. पिछले साल समान तिमाही यानी अगस्त 2018 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 4.8 फीसदी रहा था.
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मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का प्रोडक्शन घटा अगस्त में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर का उत्पादन 1.2 फीसदी घट गया है. अगस्त 2018 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्ट का उत्पादन 5.2 फीसदी बढ़ा था. बता दें कि आईआईपी में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्ट की हिस्सेदारी 77 फीसदी है और इसी सेक्टर की गिरावट के चलते आईआईपी ग्रोथ में भारी गिरावट दर्ज की गई है.
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पावर सेक्टर अगस्त महीने में पावर सेक्टर का उत्पादन 0.9 फीसदी नीचे आ गया है. पिछले साल यानी अगस्त 2018 में पावर सेक्टर का उत्पादन 7.6 फीसदी बढ़ा था.
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माइनिंग सेक्टर वहीं माइनिंग सेक्टर के प्रोडक्शन की विकास दर 0.1 फीसदी पर स्थिर रही है.
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान औद्योगिक उत्पादन की विकास दर घटकर 2.4 फीसदी रह गई है. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 5.3 फीसदी रही थी.
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