नई दिल्लीः देश के विनिर्माण क्षेत्र में छायी सुस्ती के चलते फरवरी में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 20 महीने के निचले स्तर 0.10 फीसदी पर रही. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को इसके आधिकारिक आंकड़े जारी किए. आंकड़ों के मुताबिक इससे पहले फरवरी 2018 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर 6.90 फीसदी रही थी.


वित्त वर्ष 2018-19 के पहले 11 महीनों के दौरान आईआईपी की औसत वृद्धि दर चार फीसदी रही. वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 के इन्हीं 11 महीने में यह दर 4.30 फीसदी रही थी.


इसी बीच नवंबर 2018 के संशोधित आईआईपी आंकड़े भी जारी किए गए और यह वृद्धि दर घटकर 0.2 फीसदी रही जबकि पहले जारी आंकड़ों में यह 0.3 फीसदी थी. इससे पहले आईआईपी की सबसे निचली वृद्धि दर जून 2017 में 0.3 फीसदी रही थी.


आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी 77.63 फीसदी होती है. फरवरी में विनिर्माण क्षेत्र में 0.3 फीसदी गिरावट रही जबकि पिछले साल इसमें 8.4 फीसदी का विस्तार हुआ था.
पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन फरवरी में 8.8 फीसदी घट गया जो फरवरी 2018 में 16.6 फीसदी बढ़ा था.


बिजली क्षेत्र की वृद्धि दर फरवरी में धीमी पड़कर 1.2 फीसदी रही जो एक वर्ष पहले 4.5 फीसदी थी. खनन क्षेत्र की वृद्धि दर बढ़कर दो फीसदी रही जो पिछले साल फरवरी में 0.4 फीसदी थी. उपभोक्ता और टिकाऊ उपभोक्ता सामान क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 1.2 फीसदी और 4.3 फीसदी रही. विनिर्माण क्षेत्र में 23 में से 10 औद्योगिक समूहों की वृद्धि पिछले साल की तुलना में सकारात्मक रही.



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