IIT Bombay के पूर्व छात्रों ने संस्थान की भर दी झोली, दिया 57 करोड़ रुपये का दान
IIT Bombay: आईआईटी बॉम्बे को 1998 बैच के छात्रों से अब तक का सबसे बड़ा दान मिला है. करोड़ों रुपये के इस दान का संस्थान विभिन्न प्रोजेक्ट समेत कई जगह इस्तेमाल करेगा.
IIT Bombay: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (Indian Institute of Technology Bombay) ने जानकारी दी है कि उन्हें करोड़ों रुपये का दान मिला है. आईआईटी बॉम्बे को अक्सर किसी संस्था या कंपनी से दान मिलता रहता है. लेकिन, दिलचस्प बात यह है कि यह दान किसी कंपनी के बजाय आईआईटी बॉम्बे के ही पूर्व छात्रों ने दिया है. आईआईटी बॉम्बे के 1998 बैच के अल्मा मेटर (Alma Mater) सिल्वर जुबली रीयूनियन (Silver Jubilee Reunion) के खास मौके पर छात्रों ने संस्थान को 57 करोड़ रुपये दान देकर एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बना दिया है.
इससे पहले भी संस्थान को मिल चुके हैं बड़े दान
इससे पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे को साल 1971 के बैच ने सिल्वर जुबली सेलिब्रेशन के दौरान पूरे 41 करोड़ रुपये की राशि गिफ्ट की थी. साल 2023 में मिली 57 करोड़ रुपये की राशि में संस्थान के 200 से ज्यादा पूर्व छात्रों ने अपना योगदान दिया है. इन दान के बारे में जानकारी देते हुए पूर्व छात्रों के एक ग्रुप ने बताया कि हमारे बैच के छात्र 100 से अधिक शहरों में कई बड़ी स्टार्टअप कंपनियों, मल्टीनेशनल कंपनियों, सामाजिक संस्था और NGOs आदि में काम करते हैं. संस्थान की कुछ खास यादों ने हमें एक-दूसरे से जोड़ रखा है.
आईआईटी को ग्लोबल बनाने में करनी है मदद
इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी बॉम्बे को गिफ्ट देने वाले लोगों में सिल्वर लेक के मैनेजिंग डायरेक्टर अपूर्व सक्सेना (Apoorva Saxena), गूगल डीपमाइंड (Google Deepmind) के AI रिसर्च के दिलीप जॉर्ज (Dileep George), ग्रेट लर्निंग के सीईओ लक्षमराजू, वेक्टर कैपिटल के एमडी अनुपम बनर्जी (Anupam Banerjee) जैसे कई बड़े नामचीन लोग शामिल हैं. लक्षमराजू ने ET से बात करते हुए बताया कि आईआईटी बॉम्बे जैसे संस्थान केवल सरकार की फंडिंग के बल पर विदेशी संस्थानों को टक्कर नहीं दे सकते हैं. ऐसे में इस संस्थान के पूर्व छात्र अपना योगदान देकर संस्थान को वैश्विक स्तर पर बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
फंड का कहां होगा इस्तेमाल
आईआईटी बॉम्बे द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, छात्रों से मिले दान का इस्तेमाल संस्थान कई प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए करेगा. इन पैसों से संस्थान कई छात्रों के प्रोजेक्ट को फंडिंग दे पाएगा. इसमें एवरग्रीन (Evergreen Project) और मेकर स्पेस लैब्स (Makerspace Labs) जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं.
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