IMF प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने किया आगाह, कहा- 'ग्लोबल इकोनॉमी का एक-तिहाई हिस्सा मंदी में रहेगा'
IMF Growth Estimate: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा है कि साल 2022 के सामने 2023 आर्थिक मोर्चे पर ज्यादा मुश्किल रहेगा और दुनिया का एक तिहाई हिस्सा मंदी की चपेट में रहेगा.
IMF Estimate For Global Economy: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर आगाह किया है. आईएमएफ ने कहा कि इस साल एक-तिहाई वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी में होगी और अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन में नरमी की आशंका के बीच यह वर्ष 2022 के मुकाबले ज्यादा कठिन होगा. मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टलीना जार्जीवा ने समाचार चैनल सीबीएएस न्यूज के एक कार्यक्रम में रविवार को यह कहा.
वैश्विक अर्थव्यवस्था का अनुमान घटकर 2023 में 2.7 फीसदी रहने का अनुमान
वैश्विक संस्थान ने कहा, "वैश्विक वृद्धि दर के 2022 में 3.2 फीसदी और 2023 में घटकर 2.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो 2021 में छह फीसदी पर था. वैश्विक वित्तीय संकट और कोविड-19 महामारी के समय को छोड़ दिया जाए तो यह 2001 के बाद वृद्धि का सबसे कमजोर रुख है." जार्जीवा ने कहा, "अगले एक-दो महीने का समय चीन के लिये कठिन होगा और चीन में वृद्धि का क्षेत्रीय और वैश्विक वृद्धि पर नकारात्मक असर होगा."
चीन को 2023 तक होगी परेशानी
आईएमएफ प्रमुख ने चेतावनी दी कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन को 2023 तक एक कठिन शुरुआत का सामना करना पड़ेगा. चीन ने 2022 में सख्त शून्य-कोविड नीति के कारण नाटकीय रूप से धीमा कर दिया है. 40 वर्षों में पहली बार 2022 में चीन की वृद्धि वैश्विक विकास के बराबर या उससे कम होने की संभावना है. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. उन्होंने कहा, अगले कुछ महीने चीन के लिए कठिन होगा, और चीनी विकास पर प्रभाव नकारात्मक होगा, क्षेत्र पर प्रभाव नकारात्मक होगा, वैश्विक विकास पर प्रभाव नकारात्मक होगा.
वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक-तिहाई हिस्सा मंदी में रहेगा-क्रिस्टलीना जार्जीवा
उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है, जब रूस-यूक्रेन युद्ध के 10 महीने बाद भी इसके समाप्त होने के कोई संकेत नहीं हैं. इसके अलावा बढ़ती महंगाई दर, उच्च ब्याज दर और चीन में कोरोनो वायरस संक्रमण बढ़ रहे हैं. जार्जीवा ने कहा, "हमारा अनुमान है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक-तिहाई हिस्सा मंदी में होगा." उन्होंने कहा, "वास्तव में वर्ष 2023 पिछले साल के मुकाबले कठिन होगा. इसका कारण अमेरिका, यूरोपीय संघ और चीन में नरमी की आशंका है." आईएमएफ प्रमुख ने कहा, "यहां तक कि जिन देशों में मंदी नहीं भी है, वहां भी करोड़ों लोगों के लिये मंदी जैसी स्थिति होगी." मुद्राकोष ने पिछले साल अक्टूबर में 2023 के लिये आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाया था.
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