Inflation & Growth Rate: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अनुमान जाताया है कि अगले वित्त वर्ष में भारत की महंगाई दर घटकर 4 प्रतिशत के दायरे में आ जाएगी. आरबीआई (RBI) की अतिरिक्त मौद्रिक सख्ती की वजह से ऐसा संभव हो सकता है. महंगाई दर अभी रिजर्व बैंक के लक्ष्य से कहीं ऊपर 6.9 प्रतिशत है. आईएमएफ के वर्ल्ड इकॉनोमिक स्टडीज डिविजन के प्रमुख डेनियल लेह ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारत की महंगाई दर घट कर भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य के अनुरूप 4 प्रतिशत के दायरे में आ सकती है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति में सख्ती से यह सुनिश्चित हो सकेगा.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रमुख अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गुरिंचास (Pierre-Olivier Gourinchas) ने कहा कि भारत में महंगाई दर अब भी केंद्रीय बैंक के लक्ष्य से कहीं अधिक है. अनुमान लगाया गया था कि इस साल महंगाई दर भारत में 6.9 प्रतिशत रहेगी जो घट कर 5.1 प्रतिशत पर आ गई है. आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में कुल मिलाकर मौद्रिक नीति सख्त रहने वाली है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, वैश्विक महंगाई दर इस साल 8.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो अगले साल घटकर 6.5 प्रतिशत तक आ सकती है. गुरिंचास ने कहा कि कुल मिलाकर भारत 2022 में बेहतर कर रहा है और अनुमान है कि 2023 में तेज ग्रोथ देखने को मिलेगी. उन्होंने कहा कि भारत की ग्रोथ रेट चालू वित्त वर्ष में 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है और अगले वर्ष यह 6.1 प्रतिशत रह सकती है.
अगले साल के भारत की ग्रोथ रेट की अनुमानों में कटौती के बारे में गुरिंचास ने कहा कि एक्सटर्नल आउटलुक और सख्त वित्तीय परिस्थितियों को देखते हुए ऐसा कहा गया है. ग्रोथ रेट के अनुमानों में कटौती के बाद भी भारत विश्व की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है.
आईएमएफ ने वैश्विक ग्रोथ के बारे में भी अनुमान लगाया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि इस साल वैश्विक ग्रोथ 3.2 प्रतिशत रहेगी और अगले वर्ष यह घट कर 2.7 प्रतिशत रह सकती है. गुरिंचास ने कहा कि परिस्थितियां अभी और बुरी होनी बाकी हैं. उन्होंने कहा, 'हमारा अनुमान है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की एक तिहाई तकनीकी तौर पर मंदी में होगी.'
आईएमएफ ने अनुमान जताया कि 2022 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था मात्र 1.6 प्रतिशत, चीन 3.2 प्रतिशत और यूरो जोन 3.1 प्रतिशत की ग्रोथ रेट हासिल करेगा. इसने बताया कि अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ेगी.