IMF India GDP Forcast Data: इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (International Monetary Fund) ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत के जीडीपी (GDP) के 6.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के मुताबिक अप्रैल से जून तिमाही के दौरान खपत में बेहद मजबूती देखने को मिली जिसके बाद आईएमएफ ने जीडीपी अनुमान को बढ़ाने का फैसला किया है. पहले आईएमएफ ने 6.1 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान जताया था.
हाल के दिनों में कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास दर के अनुमान को बढ़ाया है और इस कड़ी में अब इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड में शामिल हो गया है. 6 अक्टूबर 2023 को भारतीय रिजर्व बैंक ने मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान करते हुए मौजूदा वित्त वर्ष में 6.5 फीसदी भारत का विकास दर रहने का अनुमान जताया है. वित्त वर्ष 2024-25 के विकास दर के अनुमान में आईएमएफ ने कोई बदलाव नहीं किया है. आईएमएफ का मानना है कि 2024-25 में 6.3 फीसदी जीडीपी रह सकता है.
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (World Economic Outlook) जारी किया है जिसके मुताबिक 2023 और 2024 दोनों ही वर्ष में भारत अर्थव्यवस्था के तेज विकास और जोरदार खपत के चलते 6.3 फीसदी विकास दर रहने का अनुमान जताया है जिसमें वित्त वर्ष 2023-24 के अनुमान में 0.2 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है. आईएमएफ के अनुमानों में इजरायल और हमास युद्ध के बाद पश्चिमी एशिया में ताजा वैश्विक राजनीतिक उठापटक और घटनाओं को शामिल नहीं किया गया है.
इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड ने ब्राजील, रूस और मेक्सिको जैसे इमर्जिंग अर्थव्यवस्थाओं के विकास दर के अनुमान को बढ़ाया है जबकिचीन के विकास दर के अनुमान में 0.2 फीसदी की कटौती की गई और इसे 5.2 फीसदी से बढ़ाकर 2023 में 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. आईएमएफ का कहना है कि कोरोना महमारी के बाद शुरुआती दौर में तेज रिकवरी के बाद अर्थव्यवस्था के विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है. चीन का प्रॉपर्टी मार्केट संकट के दौर से जूझ रहा है तो निवेश में कमी देखने को मिल रही है. अमेरिका का विकास दर 2023 में 2.1 फीसदी रह सकता है जो कि 0.3 फीसदी ज्यादा है.
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