नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है. पहले उसने देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. आईएमएफ ने नोटबंदी के बाद उपभोग के मोर्चे पर अस्थायी झटके के मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया हैं. इससे पहले विश्व बैंक ने भी भारत की वृद्धि दर के अनुमान को कम किया था. वहीं आईओमएफ ने पड़ोसी देश चीन के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को बढ़ाया भी है.


 


हालांकि आईएमएफ ने उम्मीद जताई है कि 2016 में अर्थव्यवस्था की सुस्त चाल के अगले 2 सालों में ठीक होने की उम्मीद है. आईएमएफ के मुताबिक खासकर विकासशील देशों के बाजार अगले वर्षों में तेजी दिखा सकते हैं. वैश्विक वृद्धि दर का अनुमान 3.1 फीसदी ही रखा गया है. अक्टूबर 2016 में भी इतनी ही वृद्धि दर का अनुमान जताया गया था.


आईएमएफ ने आज जारी वर्ल्ड इकनॉमिक आउटलुक अपडेट में कहा है, ‘‘भारत के लिए चालू वित्त वर्ष के वृद्धि दर के अनुमान को 1 फीसदी घटाया गया हैं वहीं अगले साल के लिए इसमें 0.4 फीसदी की कटौती की गई है. नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की वजह से खपत के मोर्चे पर जो अस्थायी झटका लगा है उसके मद्देनजर वृद्धि दर के अनुमान को कम किया गया है.’’


आईएमएफ ने कहा कि 2016 में सुस्ती के बाद 2017 और 2018 में आर्थिक गतिविधियां विशेषरूप से उभरते बाजारों और विकासशील देशों में रफ्तार पकड़ेगी.’ विकसित और उभरती अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं दोनों में 2017-18 में विकास दर क्रमश: 3.4 और 3.6 फीसदी रहेगी, जो अक्तूबर में लगाए गए अनुमान के समान ही है. आईएमएफ के नए अनुमान के अनुसार भारत की वृद्धि दर 2016 में अब 6.6 फीसदी रहने का अनुमान है. पहले इसके 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था. अगले साल यानी 2017 में आईएमएफ ने भारत की वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है जो पहले 7.6 फीसदी था.


इसमें कहा गया है कि 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था पहले लगाए गए 7.7 फीसदी के अनुमान पर पहुंचेगी. इससे पहले विश्व बैंक ने 2016-17 में भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 7 फीसदी किया था. पहले विश्व बैंक ने वृद्धि दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.