नई दिल्लीः अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भारत की विकास दर के अनुमान घटा दिए हैं. कोष की राय मे चालू कारोबारी साल के दौरान विकास दर 6.7 फीसदी रह सकती है जबकि पहले 7.2 फीसदी का अनुमान था. हालांकि कोष ये मानता है कि आने वाले कारोबारी साल के दौरान विकास में सुधार होगा.
विश्व अर्थव्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट में कोष ने कहा कि भारत में विकास की रफ्तार धीमी हुई. ये नोटबदली (आम बोलचाल की भाषा में जिसे नोटबंदी कहा गया) और कारोबारी साल के बीच में देशव्यापी स्तर पर जीएसटी लागू करने के असर को दर्शाता है. ध्यान रहे कि बीते साल आठ नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया गया जिसके तहत एक झटके में 84 फीसदी मुद्रा को चलन से बाहर कर दिया. दूसरी ओऱ जीएसटी पहली जुलाई से लागू किया गया जिसके तहत केंद्र और राज्य सरकारों के कुल मिलाकर 17 तरह के कर औऱ 23 तरह के सेस को मिलाकर पूरे देश में एक वस्तु और एक सेवा के लिए एक ही दर रखी गयी.
आईएमएफ और विश्व बैंक की सालाना बैठक के ऐन पहले ये रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट में चीन की विकास दर भारत से कुछ बेहतर बतायी गयी. 2017 में चीन की विकास दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान है. ये पिछले अनुमानों से करीब 0.1 फीसदी ज्यादा है. इसके बावजूद उम्मीद है कि अगले साल भारत सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था होगी, क्योकि 2018 में जहां चीन की विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है जबकि भारत की विकास दर 7.4 फीसदी.
रिपोर्ट में भारत के सुधार कार्यक्रमों का विशेष तौर पर जिक्र किया गया है. रिपोर्ट कहती है कि जीएसटी समेत अमल में लाए जा रहे कई मूलभूत सुधारों की वजह से विकास को प्रोत्साहन मिलेगा. इन्ही सब के चलते मध्यावधि में भारत की विकास दर आठ फीसदी के पार जा सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, श्रम कानूनों के साथ-साथ जमीन अधिग्रहण से जुड़े कानून को सरल व आसान बनाना कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए जरुरी है. कोष ने सामाजिक सेवाओं, वित्त और शिक्षा मुहैया कराने में पुरुषों व महिलाओं के बीच अंतर पाटने का सुझाव दिया है. ये भारत जैसे देश में विकास की रफ्तार बढाने के लिए जरुरी है.
1999 से 2008 के बीच भारत की औसत विकास दर 6.9 फीसदी रही जबकि आगे के तीन सालों के दौरान ये दर 8.5 फीसदी से बढ़कर 10.3 फीसदी और फिर 6.6 फीसदी पर आ गयी. फिलहाल, कोष का अनुमान है कि 2022 तक भारत विकास दर 8.2 फीसदी पर पहुंच सकती है.
आईएमएफ ने भारत के विकास अनुमान घटाए, विकास दर 6.7% मुमकिन
ABP News Bureau
Updated at:
10 Oct 2017 08:09 PM (IST)
1999 से 2008 के बीच भारत की औसत विकास दर 6.9 फीसदी रही जबकि आगे के तीन सालों के दौरान ये दर 8.5 फीसदी से बढ़कर 10.3 फीसदी और फिर 6.6 फीसदी पर आ गयी. फिलहाल, आईएमएफ का अनुमान है कि 2022 तक भारत विकास दर 8.2 फीसदी पर पहुंच सकती है.
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