IMF on Global Economy: कोरोना महामारी के बाद से ही वैश्विक अर्थव्यवस्था (World Economy) को लगातार तगड़ा झटका लगा है. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) के कारण दुनिया की इकोनॉमी को तगड़ा नुकसान हुआ है. साल 2023 में लगातार मंदी की आशंका के बीच कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी की है और अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट भी देखने को मिला है. इस सभी कारणों से वर्ल्ड इकोनॉमी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है. मगर इन सभी के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) का मानना है कि साल 2023 के दौरान वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि में एशिया प्रशांत रीजन (Asia Pacific Region Contribution in World Economy) का बहुत अहम रोल रहेगा.


एशिया प्रशांत क्षेत्र का रहेगा 70 फीसदी तक का योगदान


इकोनॉमिक टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया प्रशांत क्षेत्र की वृद्धि पर अनुमान जताते हुए आईएमएफ ने बताया है कि इस क्षेत्र की ग्रोथ 4.6 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं पिछले साल यह 3.8 फीसदी रहा था. गुरुवार को क्षेत्र की वृद्धि दर के बारे में बात करते हुए आईएमएफ ने बताया कि इस क्षेत्र वैश्विक इकोनॉमी में अपना 70 फीसदी से ज्यादा योगदान रहेगा. खास बात ये है कि इस क्षेत्र में भी महंगाई, कर्ज और कई वित्तीय चुनौतियां हैं. इसके साथ ही यह तेजी से ग्रो करेगा. गौरतलब है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन, भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया, मलेशिया, दक्षिण कोरिया जैसे कई देश शामिल हैं.


IMF ने भारत की जीडीपी का अनुमान किया कम


अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने  वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के अपने अनुमान को कम कर दिया है. आईएमएफ ने इसमें 20 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती करते हुए इसे 5.9 फीसदी कर दिया है. पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 6.1 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान जताया था. इसके साथ ही आईएमएफ में अपने ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान को भी घटा दिया है. आईएमएफ ने अपने आर्थिक विकास दर के अनुमान में 50 बेसिस प्वाइंट की कमी करते हुए इसे 6.8 फीसदी से घटाकर 6.3 फीसदी कर दिया है.


भारत और चीन का रहेगा 50 फीसदी योगदान


हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने विश्व की आर्थिक विकास के बारे में अनुमान जताते हुए कहा कि इस साल विश्व की अर्थव्यवस्था 3 फीसदी से भी नीचे रहेगी और उसमें आधा योगदान भारत और चीन का रहेगा. इसके साथ ही आईएमएफ चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक विकास दर (World GDP) में गिरावट का दौर अगले 5 साल तक जारी रहने वाला है. ध्यान देने वाली बात ये है कि यह विकास दर 1990 के बाद सबसे कम रहेगा.


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