नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कोरोना वायरस के मद्देनज़र कहा है कि दुनिया मंदी से बड़े वित्तीय संकट में आ गई है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा है कि 2008 की मंदी से बड़े वित्तिय संकट में दुनिया इस वक्त है.


क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा, "आईएमएफ के इतिहास में हमने कभी नहीं देखा कि विश्व अर्थव्यवस्था में ऐसी रुकावट आए.आर्थिक गतिविधियों को फिर शुरू करने के लिए पहले कोविड-19 संक्रमण पर काबू पाना जरूरी है.''  हालांकि, इसके साथ उन्होंने स्वीकार किया कि सही संतुलन बैठाना आसान नहीं होगा. दोनों ने इस महामारी को मानवता के लिए एक घना अंधेरा करार दिया.


कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी इस समय किसी न किसी तरह के लॉकडाउन की वजह से घर से काम कर रही है. दुनियाभर में इस महामारी से अब तक 50,000 से अधिक लोगों की जान गई है. 10 लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं.


ब्रिटेन के समाचार पत्र ‘द डेली टेलीग्राफ’ में एक संयुक्त लेख में टेड्रॉस और जॉर्जिवा ने लिखा है कि दुनिया कोविड-19 पर काबू पाने के लिए कदम उठा रही है. विभिन्न देशों ने इस वायरस को और फैलने से रोकने के लिए अपने समाज व अर्थव्यवस्था को ‘रोक’ दिया है.


उन्होंने कहा, यह कहना सही नहीं होगा कि या तो जीवन बचाओ या आजीविका. पहली चीज वायरस पर काबू जरूरी है. आजीविका बचाने के लिए यह सबसे पहली जरूरत है. दोनों ने लिखा है कि काफी गरीब देश कोविड-19 से निपटने के लिए तैयार नहीं थे. उन्होंने लिखा है कि देशों को स्वास्थ्य सेवा खर्च को प्राथमिकता देनी चाहिए.