Global Economy: अमेरिका (United States Of America) और यूरोपीय यूनियन के कई देश जब आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. इन देशों में आंशिक मंदी के आने की भी आशंका जताई जा रही है. ऐसे में मौजूदा वर्ष में भारत और चीन सबसे तेजी गति से विकास करेगा. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने कहा है कि भारत और चीन इस वर्ष वैश्विक ग्रोथ में आधे से ज्यादा का योगदान करेंगे. वहीं एक चौथाई अतिरिक्त ग्रोथ में योगदान एशिया के अन्य देश करेंगे.
आईएमएफ के मुताबिक एशिया के इमर्जिंग और विकासशील देशों में महामारी के चलते सप्लाई चेन में दिक्कतें आई थी वो अब खत्म हो रही है, सर्विस सेक्टर में तेज ग्रोथ नजर आ रहा है. कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलेशिया और फिलीपींस, थाईलैंड और वियतनाम जैसे देशों में कोरोना महामारी के पहले के दौर वाला ग्रोथ देखने को मिल रहा है. आईएमएफ के मुताबिक एशिया और पैसेफिक देशों में बीते साल के दौरान जो आर्थिक चुनौतियां नजर आई थी उसमें अब सुधार देखने को मिल रहा है.
आईएमएफ के मुताबिक इन बातों के चलते 2022 के 3.8 फीसदी के मुकाबले 2023 में ग्रोथ रेट 4.7 फीसदी रहने का अनुमान है जो दुनिया के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले बहुत ज्यादा रहेगा. साथ ही वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन नजर आ रहा है ऐसे में ये क्षेत्र चमकता हुआ सितारा बनकर उभरेगा.
आईएफएफ ने कहा कि, दुनियाभर के सेंट्रल बैंक तेजी के साथ ब्याज दरों में कटौती करना चाहते हैं. एशियाई देशों में महंगाई दर कम रह सकती है. हेडलाइन महंगाई 2022 की दूसरी छमाही में अपना हाई देख चुकी है ये उत्साह बढ़ाने वाले संकेत हैं. हालांकि आईएमएफ ने माना कि कोर इंफ्लेशन अभी भी ज्यादा है जिसमें कमी देखना अभी बाकी है. आईएमएफ ने उम्मीद जताई कि वित्तीय और कमोडिटी संकट के चलने के बाद अगले वर्ष महंगाई दर सेंट्रल बैंकों के टोलरेंस लेवल के भीतर आ सकता है.
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