Indian Economy: भारतीय इकोनॉमी पर पूरी दुनिया इस समय भरोसा जता रही है. अब इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड (IMF) ने भी इस पर मुहर लगा दी है. आईएमएफ ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारतीय इकोनॉमी वित्त वर्ष 2025 में लगभग 6.8 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने कहा कि भारतीय इकोनॉमी को आगे बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका सरकार द्वारा खर्च की जा रही रकम निभाएगी.
भारत सरकार के निवेश से दौड़ती रहेगी इकोनॉमी
आईएमएफ ने एशिया और पैसेफिक के लिए जारी रीजनल इकोनॉमिक आउटलुक में कहा कि चीन और भारत दोनों की आर्थिक वृद्धि दर संतोषजनक रहने वाली है. भारत में सरकार द्वारा किया जा रहा निवेश अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा. आईएमएफ के एशिया एवं पैसेफिक डिपार्टमेंट के डायरेक्टर कृष्णा श्रीनिवासन ने कहा कि भारत और फिलीपींस की इकोनॉमी बेहतर दिशा में जा रही हैं. इन दोनों ही देशों में घरेलू डिमांड तेजी से बढ़ रही है.
जनवरी के अनुमान में किया इजाफा
इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड ने जनवरी में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.5 फीसदी की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था. अब इसे बढ़ाकर 6.8 फीसदी कर दिया गया है. इसके अलावा वित्त वर्ष 2024 के लिए ग्रोथ आउटलुक भी संशोधित करके 7.8 फीसदी कर दिया गया था. यह आंकड़ा भारत सरकार के अनुमान 7.6 फीसदी से भी ज्यादा है.
नियंत्रण में रहेगी महंगाई, कम होने के आसार
आईएमएफ ने महंगाई के मुद्दे पर उभरते हुए बाजारों को बेहतर स्थिति में बताया है. उन्होंने कहा कि इन देशों में या तो महंगाई का लक्ष्य हासिल कर लिया गया है या फिर होने ही वाला है. ऐसे में महंगाई नियंत्रण में ही रहने वाली है. भारत में चावल समेत अन्य खाद्यान्न के दाम कम हो सकते हैं. सस्ती ऊर्जा कीमतों के चलते कई देशों में महंगाई ज्यादा असर नहीं डाल पाएगी. मार्च में भारत में महंगाई 10 महीने के निम्नतम स्तर 4.9 फीसदी पर चली गई थी. हालांकि, खाद्यान्न महंगाई 8 फीसदी के आसपास बनी हुई है. आईएमएफ का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत में महंगाई 4.6 फीसदी के आसपास रह सकती है. वित्त वर्ष 2026 में यह घटकर 4.2 फीसदी पर आ सकती है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का अनुमान है कि महंगाई इसी वित्त वर्ष में 4.5 फीसदी तक नीचे आ जाएगी.
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