India-China Trade: 2020 में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प के बाद से ही चीन के साथ रिश्तों में तनाव बना हुआ है. उस घटना के बाद चीनी सामानों के विरोध और बायकॉट का सिलसिला भी शुरू हुआ लेकिन जमीनी हकीकत पर नजर डालें तो चीनी के साथ व्यापारिक रिश्तों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. व्यापारिक रिश्तों में चीन का पलड़ा भारी नजर आता है क्योंकि चीन से किया जाने वाले आयात में बढ़ोतरी आई है.
वाणिज्य मंत्रालय ने आयात-निर्यात के जो आंकड़े जारी किए हैं उसके मुताबिक बीते 10 महीनों में चीन से किए जाने वाले आयात में बढ़ोतरी देखने को मिली है. आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के जनवरी महीने यानि 10 महीने की अवधि में चीन से किए जाने वाले आयात में 9 फीसदी का उछाल आया है. जबकि इस अवधि में चीन को किए जाने वाले निर्यात में भारी कमी आई है. चीन को किए जाने वाला निर्यात 34 फीसदी घटा है.
भारत चीन से सबसे ज्यादा आयात करता है. वित्त वर्ष 2022-23 में भारत को किए जाने वाले आयात में चीन की हिस्सेदारी 13.91 फीसदी है. भारत ने 10 महीनों में कुल 83.76 अरब डॉलर का आयात चीन से किया है और बीते वर्ष के मुकाबले इसमें 9 फीसदी का उछाल आया है. जबकि इसी अवधि में भारत ने चीन को केवल 12.20 अरब डॉलर का निर्यात किया है. भारत द्वारा किए जाने निर्यात में चीन की हिस्सेदारी केवल 3.30 फीसदी है. जबकि कुल निर्यात में 2020 में चीन को किए जाने वाले निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 7 फीसदी हुआ करती थी. जबकि आंकड़ों के मुताबिक 140 देशों में भारत से किए जाने वाले निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
चीन से भारत सबसे ज्यादा आयात किए जाने वाले आईटम्स में इलेक्ट्रॉनिक मशीनरी एंड इक्वीपमेंट, मैकेनिकल अप्लीकैंसेज, ऑर्गैनिक केमिकल्स, फर्टिलाइजर, लैपटॉप, इलेक्ट्रॉनिक इंटीग्रेटेड सर्किट्स और टेलीफोन सेट्स शामिल है. जबकि भारत लौह-अयस्क, आयरन-स्टील, पेट्रोलियम ऑयल्स सबसे ज्यादा चीन को निर्यात करता है.
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