Laptop-Tablets Import: लैपटॉप, टैबलेट, कम्प्यूटर के इंपोर्ट पर एक नवंबर तक टला प्रतिबंध, सरकार ने जारी किया नया नोटिफिकेशन
सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट्स, ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर्स, अल्ट्रा स्माल फैक्टर कंप्यूटर जैसी चीजों के आयात पर प्रतिबंध को एक नवंबर तक टाल दिया है.
केंद्र सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट्स, ऑल इन वन पर्सनल कंप्यूटर्स, अल्ट्रा स्माल फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर लगने वाले प्रतिबंध को एक नवंबर तक के लिए टाल दिया है. देर रात जारी किए गए नोटिफिकेशन में डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने कहा कि आयात प्रतिबंधों पर तीन अगस्त की अधिसूचना नवंबर 2023 से प्रभावी होगी.
वहीं एक दिन पहले लैपटॉप, टैबलेट्स, और पर्सनल कम्प्यूटर के इंपोर्ट पर रोक लगाने का फैसला को नकारा गया था और इस फैसले को लागू करने में देरी की संभावना थी. ऐसे समय में सरकार ने एक नवंबर से लैपटॉप और कंप्यूटर के इम्पोर्ट पर रोक लगाएगी. एक अधिकारी ने कहा कि ग्लोबल आपूर्ति व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए, 31 अक्टूबर, 2023 तक इन आयातों के लिए लिब्ररल ट्रांजिशनल अरेंजमेंट को अधिसूचित किया गया है.
प्रतिबंधित आयात के लिए वैध लाइसेंस जरूरी
अधिसूचना के मुताबिक, आयात के लाइसेंस के बिना आयात खेप को 31 अक्टूबर, 2023 तक मंजूरी दी जा सकती है. नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 1 नवंबर, 2023 से प्रभावी इम्पोर्ट शिपमेंट की निकासी के लिए प्रतिबंधित आयात के लिए वैध लाइसेंस की आवश्यकता होगी. ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, उद्योग के प्रतिनिधियों ने सरकारी अधिकारियों से मुलाकात कर स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए क्षमता बढ़ाने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद यह स्पष्टीकरण जारी किया गया है.
पोर्टल से दिए जा रहे लाइसेंस
डीजीएफटी की ओर से एक पोर्टल तैयार किया गया है, जिसके तहत कंपनियों की मदद की जा रही है. यहां से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात के लिए लाइसेंस कुछ ही घंटों में दिया जा रहा है. वहीं अधिकारियों ने कहा है कि डीजीएफटी आयात से रोक वाले लैपटॉप, टैबलेट और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए लाइसेंस चाहने वाली कंपनियों पर स्पष्टीकरण जारी किया जा सकता है. कंपनियों से लाइसेंस मांगने का लक्ष्य जानकारी इकठ्ठा करना था.
मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा
अधिकारियों को कहना है कि इन उपकरणों के आयात पर रोक लगाने के केंद्र सरकार के कदम पीएलआई योजना और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हार्डवेयर क लिए अन्य मेक इन इंडिया के पहल को बढ़ावा मिलेगा. वहीं यह भी मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का आयात करने वाली कंपनियां भारत या अन्य जगहों पर उनकी फैक्टरियों की संख्या के आधार पर कई लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती हैं. इसके अलावा, घरेलू प्रोडक्ट को भी बढ़ावा मिलेगा.
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