नौकरियों की स्थिति में सुधार, दूरसंचार और कृषि आधारित उद्योग कोविड से पहले के स्तर पर पहुंचे: रिपोर्ट
नौकरियों की स्थिति पहले से बेहतर हो रही है. मॉन्स्टर रोजगार सूचकांक के अनुसार दिसंबर 2019 के मुकाबले नये रोजगारों के बारे में विज्ञापन बेहतर हुए हैं. कुछ उद्योग कोविड-19 के पूर्व स्तर पर आ गये.
मुंबईः नौकरियों की स्थिति पहले से बेहतर हो रही है. दिसंबर महीने में दूरसंचार, कृषि आधारित इकाइयों और मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग में नौकरियों के बारे में ज्यादा सूचना देखने को मिली और ये क्षेत्र कोविड-19 के पूर्व स्तर पर आ गये हैं. एक रिपार्ट में यह कहा गया है.मॉन्स्टर रोजगार सूचकांक के अनुसार दिसंबर 2019 के मुकाबले नये रोजगारों के बारे में विज्ञापन बेहतर हुए हैं. कुछ उद्योग कोविड-19 के पूर्व स्तर पर आ गये.
इसमें कहा गया है कि दूरसंचार क्षेत्र में 7 प्रतिशत, कृषि आधारित उद्योगों में छह प्रतिशत तथा मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में 4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी. इसके साथ रसायन, व्यापार एवं दूरसंचार क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर है.
हालांकि रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों में महामारी और उसके प्रभाव के कारण सूचकांक दिसंबर 2019 के मुकाबले 15 प्रतिशत घटा है. रोजगार के बारे में सूचना देने वाली मॉन्स्टर इंडिया यह सूचकांक तैयार करती है. इसे ‘ऑनलाइन’ रोजगार के बारे में दी जाने वाली सूचना के आधार पर तैयार किया जाता है.
इधर, जीडीपी में गिरावट का अनुमान इधर, सरकारी अनुमान के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष ( 2020-21) में जीडीपी में 7.7 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की जा सकती है. सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने पहले पूर्वानुमान में कहा है कि कृषि को छोड़ कर इकनॉमी के हर सेक्टर में गिरावट दर्ज की जाएगी.
एनएसओ की ओर से जारी पू्र्वानुमान भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से इकनॉमी में गिरावट के अनुमान के लगभग बराबर हैं. आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान इकनॉमी में 7.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था. हालांकि यह पहले के अनुमान से बेहतर स्थिति है क्योंकि इससे पहले जीडीपी में 9.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया गया था.
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