नई दिल्ली: देश में प्रदूषण नियंत्रण के मुद्दे पर जयपुर में नागरिकों को बड़ी सुविधा मिलने वाली है. जयपुर जिले के सभी 151 वाहन प्रदूषण जांच केन्द्र 19 अगस्त से ऑनलाइन हो जाएंगे. इसी के साथ ही वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र केवल ऑनलाइन ही जारी किए जायेंगे. राजस्थान के परिवहन मंत्री यूनुस खान ने आज बताया कि राजस्थान मोटरयान प्रदूषण ऑनलाइन जांच केन्द्र योजना-2017 के अन्तर्गत पहले चरण में जयपुर जिले के सभी वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों को ऑनलाइन किया जा रहा है.


आपको बता दें कि हाल ही में 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण पर बड़ा आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि बिना प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट के गाड़ियों के इंश्योरेंस का नवीनीकरण यानी रिन्यूएल न किया जाए. ये आदेश पूरे देश में हर तरह की गाड़ियों पर लागू होगा. उन्होंने बताया कि योजना के दूसरे चरण में अगले 3 महीने में दूसरे जिलों में लगे हुए करीब 1000 अधिकृत प्रदूषण जांच केन्द्रों को भी नेटवर्किंग से जोड़ दिया जाएगा.  इसी को ध्यान में रखते हुए देखें तो जयपुर के लिए लोगों के लिए ये अच्छी सुविधा होगी.


परिवहन विभाग के प्रमुख शासन सचिव और आयुक्त शैलेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जयपुर में प्रदूषण जांच केन्द्रों को ऑनलाइन किए जाने के बाद वाहन की प्रदूषण जांच पर सर्वर के जरिए पूरी निगरानी रखी जायेगी. ऐसे में प्रदूषण जांच केन्द्र टर्मिनल की तरह काम करेंगे और इन केन्द्रों पर अनियमितता की सम्भावना न के बराबर हो जाएगी. उन्होंनें बताया कि व्हीकल सम्बधित किसी भी काम के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र यानी पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) होना जरूरी होगा.


2 व्हीलर पर दरें
पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाणपत्र (पीयूसी) की दर 50 रुपये, तिपहिया और चौपहिया वाहन के लिए 60 रुपये और डीजल वाहन के लिए 100 रुपये तय की गई है.


4 व्हीलर पर दरें
अग्रवाल ने बताया कि निर्धारित समयावधि में प्रदूषण जांच नहीं कराने वाले दोपहिया वाहनों पर एक महीने की देरी होने तक 200 रुपये और एक महीने से ज्यादा देरी होने पर 500 रुपये का जुर्माना लगेगा. इसी प्रकार 4 व्हीलर व्हीकल्स पर एक महीने की देरी होने पर 500 रुपये और एक महीने की देरी होने पर 1000 रुपये का जुर्माना देना होगा.



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