चीन के बाद अब अमेरिकी सामानों का भी करेंगे विरोध... CTI ने दी चेतावनी, कहा- ‘अमेरिकी सामान भारत छोड़ो’
CTI के महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने साफ किया कि अगर अमेरिका भारतीय उत्पादों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाता है, तो CTI अमेरिकी सामान के खिलाफ व्यापक स्तर पर कैंपेन शुरू करेगा.

अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल से भारतीय सामान पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारत के व्यापारिक संगठनों में भारी चिंता देखी जा रही है. चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने इस फैसले का कड़ा विरोध जताया है. CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा कि अगर अमेरिका भारतीय सामान पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाता है, तो भारत में अमेरिकी सामान के बहिष्कार का अभियान चलाया जाएगा.
भारत को होगा 7 अरब डॉलर का नुकसान
CTI के महासचिव विष्णु भार्गव ने बताया कि अमेरिका, कनाडा, चीन और मैक्सिको पर पहले ही टैरिफ लगा चुका है और अब भारत के सामान पर शुल्क बढ़ाने की तैयारी कर रहा है. इस फैसले से भारत को हर साल करीब 7 अरब डॉलर (लगभग 58,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हो सकता है. इससे भारतीय निर्यातकों और व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ेंगी.
कई सेक्टर्स होंगे प्रभावित
भारत अमेरिका को मेटल, पर्ल, स्टोन, लेदर, केमिकल, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक सामान, मसाले, मशीनरी पार्ट्स, फार्मास्युटिकल उत्पाद और चावल जैसे कई उत्पाद निर्यात करता है. दिल्ली समेत पूरे भारत के एक्सपोर्टर्स को इस टैरिफ से बड़ा झटका लग सकता है. व्यापारी असमंजस में हैं, क्योंकि कई ऑर्डर पहले ही दिए जा चुके हैं और बड़ी मात्रा में माल अमेरिका के लिए रवाना हो चुका है.
CTI चलाएगा ‘अमेरिकी सामान भारत छोड़ो’ अभियान
CTI के महासचिव गुरमीत अरोड़ा और वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग ने साफ किया कि अगर अमेरिका भारतीय उत्पादों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाता है, तो CTI अमेरिकी सामान के खिलाफ व्यापक स्तर पर कैंपेन शुरू करेगा. उन्होंने कहा, “जिस तरह हमने चीनी सामान के खिलाफ अभियान चलाया और उसका असर दिखा, उसी तरह अब अमेरिकी उत्पादों का भी विरोध किया जाएगा.”
भारत में अमेरिकी पेय पदार्थ, वेफर्स, फूड चेन और कई सेवाओं का बड़ा उपभोग होता है. CTI ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने अपने फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो देशभर में अमेरिकी उत्पादों का बहिष्कार किया जाएगा.
व्यापारियों ने की सरकार से अपील
CTI ने भारत सरकार से भी अपील की है कि वह इस मामले को अमेरिका के साथ कूटनीतिक स्तर पर उठाएं और भारतीय व्यापारियों के हितों की रक्षा करें. व्यापारियों का कहना है कि अगर अमेरिका ने टैरिफ लगाया, तो भारत को भी जवाबी कार्रवाई करनी चाहिए.
भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों के बीच यह नया टकराव व्यापार जगत के लिए चिंता का विषय बन गया है. अगर 2 अप्रैल से टैरिफ लागू होता है, तो भारत के निर्यातकों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा और दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बिगड़ सकता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि अमेरिका अपने फैसले पर कायम रहता है या भारत सरकार इस मामले को सुलझाने में सफल होती है.
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