Sri Lanka Crisis: श्रीलंका ऐतिहासिक आर्थिक संकट से जूझ रहा है. विश्व बैंक समेत भारत और दूसरे तमाम देश आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहे श्रीलंका की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. इस क्रम में बांग्लादेश ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया है और श्रीलंका को दी गई 20 करोड़ डॉलर की करेंसी स्वैप (मुद्रा अदला-बदली) सुविधा को आगे बढ़ाने का फैसला किया है.
पिछले साल दी थी ये सुविधा
खबरों के मुताबिक नकदी की भारी कमी से जूझ रहे श्रीलंका को दिए गए 20 करोड़ डॉलर (1 हजार 500 करोड़ रुपये) की करेंसी स्वैप सुविधा को एक और वर्ष के लिए बढ़ा दिया है. ताकि इससे द्वीप-राष्ट्र के घटते विदेशी भंडार को बढ़ावा दिया जा सके. हम आपको बता दें कि बांग्लादेश ने मई 2021 में श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए यह सुविधा दी थी. अब ऐसा करने वाला बांग्लादेश पहला दक्षिण एशियाई देश बन गया.
ऐसे हुआ ये फैसला
रिपोर्टों के मुताबिक, बांग्लादेश की सेंट्रल बैंक के निदेशकों ने रविवार को इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई है. बैंक के प्रवक्ता सेराजुल इस्लाम की तरफ से इस संबंध में जारी किए गए बयान में कहा गया कि श्रीलंका को दिए गए ऋण को लेकर यथास्थिति बरकरार रखी गई है और करेंसी स्वैप की सुविधा को एक वर्ष के लिए विस्तारित किया गया है.
कई बार बढ़ाई गई है समय-सीमा
यहां यह भी बता दें कि श्रीलंका को यह ऋण दिए जाने के तीन महीने के भीतर चुकाना था, लेकिन श्रीलंका के अनुरोध पर इस अवधि को कई बार बढ़ाया गया था, क्योंकि देश का आर्थिक संकट गहराना शुरू हो गया था. मौजूदा दौर में जब देश के आर्थिक हालात बेहद खराब हो चुके हैं तो एक बार फिर से इस समयसीमा को बढ़ाने का फैसला किया गया है. यही नहीं श्रीलंका में दो दिन पहले ही फिर से एक बारआपातकाल लगाया गया.
इतने देशों का है कर्ज
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खत्म होने के चलते श्रीलंका में आर्थिक संकट बुरी तरह गहरा गया है. आलम ये है कि ये देश जरूरी सामानों का आयात करने में भी सक्षम नहीं है. यहां ईंधन खत्म हो चुका है और बिजली कटौती अपने चरम पर है. इन सबके बीच फॉरेक्स रिजर्व की बात करें तो जून 2019 के 8,864 मिलियल डॉलर की तुलना में कम होकर जनवरी 2022 में 2,361 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया था. श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर यानि करी 3 लाख 82 हजार करोड़ रुपये का भारी भरकम कर्ज है. इसमें से सबसे ज्यादा कर्ज चीन का है.
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