नई दिल्लीः सेंट्रल बजट 2019-20 के मुताबिक. यदि कोई व्यक्ति या ऑर्गनाइजेशन बैंक से 1 करोड़ रूपए या उससे अधिक निकालता है तो उसे बैंक को 2 फीसदी टैक्स देना होगा. इस नियम को 1 सितंबर को लागू किया गया था. इस नियम का अहम मकसद लोगों द्वारा कैश के लेन-देन में कमी करना है.


टैक्स काटने की में स्थिति में ये जरूरी नहीं कि आप एक साथ ही 1 करोड़ रूपए निकालें. यदि आपने हर सप्ताह कुछ लाख रूपए या हर महीने 10-10 लाख रूपए निकाले तो एक साल के अंदर 1 करोड़ रूपए की निकासी होते ही टैक्स के रूप में आपके 2 लाख रूपए कट जाएंगे. बैंक टैक्स काटकर सरकार को जमा करवा देता है.


हालांकि कुछ ऐसी कंडीशंस भी हैं जब इतना अधिक पैसा निकालने के लिए आपको टैक्स नहीं देना होगा. इस स्थिति में टैक्स बचाने के लिए कैश निकालने वाले व्यक्ति को सेंट्रल, स्टेट, बैंक, डाकघर या आरबीआई से परामर्श करना होगा और सरकार द्वारा नोटिफाई होने पर ही उस व्यक्ति को टैक्स नहीं देना होगा.


इन सभी नियमों और शर्तों को सरकार ने सरकार ने फाइनेंस बिल में सेक्शन 194एन के तहत पेश किया था.


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