कैपिटल गेन से लोगों की आय में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है. महामारी साल यानी वित्त वर्ष 2020-21 के समय लोगों की इनकम में 89 फीसदी की उछाल आई है. हालांकि इनके सैलरी इनकम बहुत कम गति से बढ़ी है. टैक्स डिपॉर्टमेंट की ओर से शेयर ​किए गए डाटा से इसकी जानकारी मिली है. 


जिस सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.8 फीसदी की गिरावट आई थी, लेकिन उस साल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से दर्ज की गई आय 3.52 ट्रिलियन रुपये थी, जो 66.7 फीसदी ज्यादा है, जबकि शार्ट टर्म कैपिटल गेन से इनकम 166.7 फीसदी बढ़ गई, जो 1.56 ट्रिलियन रुपये है. वित्त वर्ष 2011 में कैपिटल गेन से कुल इनकम में साल दर साल बढ़ोतरी 89 फीसदी थी. 


वेतन से कितनी रही आय


वित्त वर्ष 2021 में सैलरी से इनकम 5.6 फीसदी बढ़कर 24.6 ट्रिलियन रुपये हो गई थी. वहीं बिजनेस इनकम में 15.8 फीसदी की उछाल आई है और यह 33.8 ट्रिलियन रुपये हो चुकी है. इस बीच, देश में 16 व्यक्तियों ने वित्त वर्ष 2021 में सालाना वेतन इनकम 100 से 500 करोड़ रुपये के बीच बताई, जबकि 34 ने ऐसी इनकम 50 से 100 करोड़ रुपये के बीच दिखाई. ऐसा तब था जब सैलरी इनमक सबसे बड़ा टैक्सपेयर्स के लिए सोर्स था. उस साल टैक्स रिटर्न भरने वालों में 67.6 मिलियन लोग थे, जिसमें 54 फीसदी ने शून्य इनकम दिखाया. 


सिर्फ आठ ने पार किया उच्चतम आय की सीमा 


असेसमेंट ईयर 2020-21 में केवल 8 लोगों ने 100 से 500 करोड़ रुपये की सीमा में उच्चतम वेतन आय की सूचना दी थी, जबकि 40 लोग 50 से 100 करोडत्र रुपये के दायरे में थे. वित्त वर्ष 2021 में कम से कम 163 लोगों ने 25-50 करोड़ रुपये की वेतन आय की सूचना दी, जबकि वित्त वर्ष 2020 में यह संख्या 136 थी, जिसका अर्थ है कि एक वर्ग ने महामारी के दौरान वेतना में बढ़ोतरी या कमी का सामना नहीं किया. 


परिवारों की भी नेटवर्थ बढ़ी 


वहीं जून 2020 और मार्च 2023 के बीच घरेलू सकल वित्तीय संपत्ति का स्टॉक 37.6 फीसदी बढ़ गया है. वित्त वर्ष 2021 में परिवारों ने 22.8 ट्रिलियन रुपये, वित्त वर्ष 2012 में करीब 17.0 ट्रिलियन रुपये और वित्त वर्ष 2023 में 13.8 ट्रिलियन रुपये की नेटवर्थ दर्ज की है. वहीं निवेशकों को भी लाभ हुआ है. 


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