भारतीय रिजर्व बैंक सरकारी खजाने में हर साल मोटा योगदान देता है. सरकार को आरबीआई से ये पैसे लाभांश के रूप में मिलते हैं. मोटा लाभांश देने के लिए मोटी कमाई का भी होना जरूरी है. अब अगर रिजर्व बैंक हर साल खजाने में बड़ा योगदान दे रहा है तो निश्चित ही उसे अच्छी कमाई हो रही है. आज हम आपको यही बताने वाले हैं कि रिजर्व बैंक को किन तरीकों से कमाई होती है.


डिविडेंड का बन जाएगा रिकॉर्ड


हाल ही में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने रिजर्व बैंक से सरकार को मिलने वाले डिविडेंड पर अनुमान जाहिर किया था. इस महीने की शुरुआत में आए अनुमान में कहा गया कि रिजर्व बैंक इस साल सरकारी खजाने में डिविडेंड से 1 लाख करोड़ रुपये का योगदान दे सकता है. इससे पहले रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में सरकारी खजाने को 87 हजार 400 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया था.


बजट में अकेले इतना योगदान


रिजर्व बैंक के द्वारा लाभांश के रूप में दिए जाने वाले पैसों का यह आंकड़ा कितना बड़ा है, उसका अंदाजा बजट के साइज से तुलना करके बेहतर लग पाता है. इस साल फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो बजट पेश किया था, उसका साइज 47.66 लाख करोड़ रुपये था, जबकि पिछले साल 45 लाख करोड़ रुपये का बजट आया था. यानी इस साल रिजर्व बैंक का अनुमानित लाभांश कुल बजट के 2 फीसदी से भी ज्यादा हो सकता है. मतलब अकेले रिजर्व बैंक सरकार के पूरे साल के टोटल खर्च के 2 फीसदी से ज्यादा हिस्से की भरपाई कर दे रहा है.


2023 में आरबीआई की कमाई


रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट बताती है- साल 2023 में भारत के बैंकिंग रेगुलेटर को कुल 2.3 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. यह आंकड़ा पिछले साल आए बजट के 5 फीसदी से भी ज्यादा है. मतलब भारत सरकार ने पिछले साल फरवरी में आए बजट में पूरे साल के लिए जितने खर्च का हिसाब तैयार किया था, उसके 5.11 फीसदी के बराबर कमाई रिजर्व बैंक को 2023 में हो गई थी.


भारतीय रिजर्व बैंक के काम


अब सवाल उठता है कि रिजर्व बैंक को इतनी बेहिसाब कमाई हो कैसे रही है? इसे रिजर्व बैंक के काम से समझ सकते हैं. रिजर्व बैंक भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के दायरे में आता है. उसका काम भारत के बैंकिंग सिस्टम को रेगुलेट करना है. उसके अलावा करेंसी यानी भारतीय रुपये की छपाई करना, उसकी बाजार में सप्लाई करना, रुपये की आपूर्ति से लेकर उसके भाव को कंट्रोल करना आदि भी रिजर्व बैंक का काम है.


रिजर्व बैंक की कमाई के तरीके


रिजर्व बैंक को होने वाली कमाई के जरियों में एक है Seigniorage. यह करेंसी की छपाई से होने वाला मुनाफा है. करेंसी को छापने में रिजर्व बैंक को जितना खर्च आता है, उस करेंसी की वैल्यू उससे काफी ज्यादा होती है. मतलब छपाई की लागत से जितनी ज्यादा वैल्यू हुई, उतना ज्यादा मुनाफा होता है. इसके अलावा आरबीआई विभिन्न कमर्शियल बैंकों को कर्ज देता है. उसके बदले में बैंक आरबीआई को ब्याज का भुगतान करते हैं. रिजर्व बैंक सरकारी बॉन्ड की खरीद-परोख्त से भी कमाई करता है. रिजर्व बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन एसेट शामिल होते हैं, जो कमाई कराते हैं.


यहां से होती है सबसे ज्यादा कमाई


यूनियन बैंक की रिपोर्ट बताती है कि रिजर्व बैंक को ब्याज और फॉरेन एक्सचेंज से मुख्य कमाई होती है. रिपोर्ट के अनुसार, रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट में करीब 70 फीसदी हिस्सा फॉरेन करेंसी एसेट का है, जबकि 20 फीसदी हिस्सा सरकारी बॉन्डों के रूप में है. रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि इन सिक्योरिटीज से रिजर्व बैंक को ब्याज से होने वाली कमाई 1.5 लाख करोड़ रुपये से 1.7 लाख करोड़ रुपये के बीच रह सकती है.


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