इनकम टैक्स भरने वालों के लिए अभी दो विकल्प (Income Tax Regime) मौजूद हैं. एक विकल्प है, पहले से मौजूद पुरानी कर व्यवस्था यानी ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) और दूसरा विकल्प है नई कर व्यवस्था यानी न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) का. इस बार के बजट में सरकार ने नई कर व्यवस्था में कुछ बदलाव किया है, ताकि इसे अधिक आकर्षक बनाया जा सके. हालांकि दो विकल्पों के मौजूद होने से करदाताओं के सामने भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है, कि उनके लिए कौन सा विकल्प चुनना बेहतर है. ऐसे में सरकार ने करदाताओं की मदद के लिए एक टैक्स कैलकुलेटर (Income Tax Calculator) पेश किया है, जो आईटी डिपार्टमेंट (Income Tax Department) की वेबसाइट पर उपलब्ध है. इसकी मदद से आप दोनों टैक्स रिजीम के तहत अपनी सेविंग्स में तुलना कर अपने लिए बेहतर विकल्प का चयन कर सकते हैं. यह एसेसमेंट ईयर 2024-25 (AY 24-25) के लिए उपलब्ध है.


सबसे पहले मान लेते हैं कि दोनों टैक्स रिजीम के तहत Exempt अलाउंस को घटाने के बाद आपकी ग्रॉस सैलरी 10 लाख रुपए सालाना है. आपने होम लोन भी लिया हुआ है और उसके ब्याज के रूप में सालाना 2 लाख रुपए भरते हैं. इसके अलावा,  80C और 80D जैसे दूसरे Deductions/exemptions के रूप में 1.50 लाख रुपये क्लेम करते हैं.


Standard Deduction के बाद दोनों टैक्स व्यवस्था में आपकी सैलरी से इनकम घटकर 9,50,000 रुपये रह गई. Old Tax Regime में होम लोन के ब्याज के रूप में चुकाए गए पैसे इनकम से घटा दिए जाएंगे, तो पुरानी व्यवस्था में आपकी Gross Total Income 7 लाख 50 हजार रुपये रह जाएगी. जबकि नई टैक्स रिजीम में यह 9,50,000 रुपये ही रहेगी, क्योंकि इस विकल्प में होम लोन के ब्याज को छूट नहीं मिलती है. 1.50 लाख रुपये के डिडक्शन को क्लेम करने के बाद पुरानी व्यवस्था में टोटल इनकम 6 लाख रुपये बचेगी, जबकि नई टैक्स रिजीम में यह 9 लाख 50 हजार रुपये ही रहेगी.


पुरानी टैक्स व्यवस्था में 6,00,000 रुपये पर कुल Total Tax Liability 33,800 रुपये बनेगी, जबकि New Tax Regime में आपकी टैक्स देनदारी 54,600 रुपये होगी. ऐसे में ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनने पर आपको 20,800 रुपये की बचत होगी...


अब मान लेते हैं कि आप जिस शहर में अभी नौकरी कर रहे हैं, वहां आप किराए पर रहते हैं. जबकि आपने इससे पहले किसी अन्य शहर में घर ले लिया था, जिसे आपने होम लोन लेकर खरीदा था और वहां अभी आपके परिवार के लोग रह रहे हैं. ऐसी स्थिति में आप होम लोन के ब्याज की छूट के साथ-साथ HRA भी क्लेम कर सकते हैं. मान लीजिए कंपनी से HRA के रूप में आपको साल में 1 लाख 60 रुपये मिलते हैं. ऐसे में इसका फायदा उठाने के बाद पुरानी कर व्यवस्था में आपकी टैक्स देनकारी शून्य हो जाएगी. इसका मतलब हुआ कि नई कर व्यवस्था की तुलना में पुरानी व्यवस्था को चुनने पर टैक्स के रूप में पूरे 54,600 रुपये की बचत होगी.