इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का बड़ा कदम, टैक्सपेयर्स को दी ये नई सुविधा जिससे होगी आसानी
Income Tax Department: यह नया सिस्टम बड़ी संख्या में टैक्सपेयर के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की डिटेल्स दिलाता है जिनका टैक्स से जुड़ा असर हो सकता है.
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Income Tax Department: इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय चल रहा है और इसके लिए देश का इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार सूचनाएं जारी करता रहता है. आयकर विभाग ने कहा है कि उसने सालाना सूचना ब्योरा- एनुअल इन्फॉरमेशन स्टेटमेंट (एआईएस) में नई विशेषता जोड़ी है. इसके जरिये टैक्सपेयर सूचना पुष्टि प्रक्रिया की स्थिति को देख सकेंगे. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) ने बयान में कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब इनफॉरमेशन कन्फरमेंशन प्रॉसेस की स्थिति दिखाने के लिए एआईएस में एक नया सिस्टम शुरू किया है.
क्या नया सिस्टम जोड़ा गया है
एआईएस कई सूचना स्रोतों से मिलने वाले वित्तीय आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाता है. यह बड़ी संख्या में टैक्सपेयर के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की डिटेल्स दिलाता है जिनका टैक्स से जुड़ा असर हो सकता है. टैक्सपेयर को एआईएस सिस्टम में दिखाए गए हर एक ट्रांजेक्शन पर फीडबैक देने की सुविधा दी गई है. यह फीडबैक टैक्सपेयर को ऐसी जानकारी के स्रोत से प्राप्त सूचना के सटीक होने की स्थिति पर टिप्पणी करने में मदद करता है. गलत रिपोर्टिंग के मामले में, उसे ऑटोमैटिक तरीके से पुष्टि के लिए स्रोत के पास ले जाया जाता है.
CBDT releases new functionality in AIS to increase transparency.
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) May 13, 2024
👉In AIS, taxpayer has been provided with a functionality to furnish feedback on every transaction displayed therein. This feedback helps the taxpayer to comment on the accuracy of the information provided by the… pic.twitter.com/mOuvECzOKS
जानकारी को सही कराया जा सकेगा
सीबीडीटी के बयान के मुताबिक, यह प्रदर्शित करेगा कि क्या टैक्सपेयर के फीडबैक पर सोर्स की तरफ से आंशिक या पूर्ण रूप से स्वीकार या अस्वीकार करके कार्रवाई की गई है. आंशिक या पूर्ण स्वीकृति के मामले में, स्रोत की तरफ से करेक्शन स्टेटमेंट दाखिल करके जानकारी को सही करना जरूरी है.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को ट्रांसपेरेंसी बढ़ने की उम्मीद
सीबीडीटी ने कहा, इस नए सिस्टम से टैक्सपेयर्स को एआईएस में ऐसी जानकारी प्रदर्शित करके ट्रांसपेरेंसी बढ़ने की उम्मीद है. यह अनुपालन में सुगमता और बेहतर टैक्सपेयर सर्विसेज की दिशा में आयकर विभाग की एक और पहल है.
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