Income Tax भरते हैं तो इन पांच नियमों का रखें ध्यान, 1 अप्रैल से होगा बदलाव
इस साल बजट में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का ऐलान किया गया था. इस दौरान कहा गया था कि वित्त वर्ष 2021-22 से 2.5 लाख रुपये तक ईपीएफ निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
नई दिल्ली: एक अप्रैल 2021 को इनकम टैक्स से जुड़े कुछ नियम बदल जाएंगे. ऐसे में इन नियमों को जान लेना बेहद जरूरी हो जाता है. इसके तहत 1 अप्रैल 2021 के बाद से 75 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को आईटीआर नहीं भरना होगा. वहीं एक निश्चित कॉन्ट्रिब्यूशन के बाद EPF पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगेगा. ऐसे में आइए उन बदलाव के बारे में जानते हैं, जिन पर 1 अप्रैल के बाद प्रभाव पड़ेगा.
EPF पर टैक्स इस साल बजट में कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का ऐलान किया गया था. इस दौरान कहा गया था कि वित्त वर्ष 2021-22 से 2.5 लाख रुपये तक ईपीएफ निवेश पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. हालांकि इस रकम से ज्यादा होने पर टैक्स देय रहेगा. मतलब ये हुआ कि अगर आप एक साल में EPF में 2.5 लाख रुपये से ज्यादा का योगदान करते हैं तो आपको नए सिरे से टैक्स प्लानिंग करनी होगी. आसान भाषा में कहें तो 2.5 लाख रुपये से ऊपर के ईपीएफ योगदान पर मिलने वाले ब्याज पर अब सामान्य दर से इनकम टैक्स वसूल किया जाएगा.
ITR फाइल करने से छूट 1 अप्रैल 2021 से 75 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों को आईटीआर नहीं भरना होगा. ऐसे लोगों को अब आईटीआर भरने से छूट दी गई है. हालांकि ये छूट उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए है जो पेंशन या फिर फिक्स्ड डिपोजिट (एफडी) से हासिल होने वाले ब्याज पर निर्भर हैं.
ITR नहीं फाइल करने पर TDS में बढ़ोतरी समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइन नहीं करने पर 1 अप्रैल 2021 से दोगुना टीडीएस भरना पड़ेगा. इसके तहत आयकर अधिनियम के प्रस्तावित सेक्शन 206AB के तहत हाई टीडीएस रेट वसूला जाएगा. नए नियमों के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करने वालों पर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (TCS) भी ज्यादा होगा.
LTC स्कीम 1 अप्रैल 2021 से ट्रेवल लीव कंसेशन (LTC) कैश वाउचर स्कीम का लाभ भी लिया जा सकेगा. हालांकि इस स्कीम का लाभ उन कर्मचारियों को मिल सकेगा, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण यात्रा प्रतिबंध की वजह से एलटीएस टैक्स बेनिफिट का लाभ नहीं लिया है.
प्री-फाइल्ड ITR फॉर्म 1 अप्रैल 2021 से आईटीआर की प्रक्रिया को थोड़ा और आसान बनाया जाएगा. दरअसल, कर्मचारियों की सहूलियत और इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की प्रकिया को आसान बनाने के लिए इंडिविजुअल करदाताओं को 1 अप्रैल से पहले से भरे हुए ITR फॉर्म उपलब्ध कराए जाएंगे. इससे आईटीआर भरना आसान हो जाएगा.
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