नई दिल्लीः अब हाउस रेंट क्लेम करने वालों के लिए एक और फरमान आ गया है. अगर आप सैलरी क्लास में हैं और टैक्स छूट पाने के लिए दिखाते हैं कि परिवार के किसी सदस्य के साथ किराये पर रहकर रेंट देते हैं तो आपको इसका सबूत देना होगा. यहां तक कि अगर कोई टैक्सपेयर ये दावा करता है कि मकान पत्नी के नाम पर है और वो पत्नी को किराया देता है तो इसका भी सबूत पेश करना पड़ेगा. हाल ही में खबर आई थी कि फर्जी रेंट स्लिप दिखाकर टैक्स छूट लेना अब संभव नहीं होगा वहीं अब इस आदेश से फर्जी एचआरए छूट लेने पर पेनल्टी देनी पड़ सकती है.
जानिए क्या है नया फैसला?
- आप अपने रिश्तेदार को मकान का किराया देते हैं तो टैक्स छूट पाने के लिए आपको इसका सबूत देना होगा.
- अगर आप एक टैक्सपेयर हैं और किराये के घर में रहते हैं तो आपको टैक्स बचाने के लिए रेंट स्लिप दिखानी होंगीं.
- फैमिली मेंबर या रिश्तेदारों को किराया देना गैरकानूनी नहीं है लेकिन अगर सिर्फ टैक्स बचाने के लिए इसका फर्जी दावा करते है तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आपका दावा खारिज करने का पूरा अधिकार है.
- आप हाउस रेंट अलाउंस वाली छूट का दावा तभी कर सकते हैं जब जहां आप रह रहे हैं उस प्रॉपर्टी पर आपका मालिकाना हक न हो और वहां रहने के लिए आप सच में किराया चुका रहे हों.
फर्जी एचआरए क्लेम के दावे पाए जाने पर क्या करेगा आईटी विभाग?
अगर आयकर अधिकारियों ने आपके दावे को गलत माना तो इनकम टैक्स पेमेंट में देरी की वजह से आपको एक्स्ट्रा पेमेंट पेनल्टी तो देनी ही पड़ेगी. इसके अलावा अपनी इनकम छुपाने के जुर्म में आप पर अलग से पेनल्टी भी लग सकती है.
क्यों आया ये फैसला?
हाल ही में मुंबई इनकम टैक्स अपैलेट ट्रिब्यूनल ने एक टैक्सपेयर के हाउस रेंट अलाउंस के दावे को पर्याप्त सबूतों के अभाव में खारिज कर दिया. टैक्सपेयर ने दावा किया था कि वो अपना मां को किराया देती है. दरअसल टैक्स के दायरे में आने वाले लोग अपने पारिवारिक सदस्यों को किराया देने का दावा करके इनकम टैक्स में छूट पाने की कोशिश करते हैं. टैक्स बचाने के लिए सैलरी पाने वाले एचआरए का पूरा बेनेफिट लेते हैं भले ही वो परिवार या रिश्तेदारों के साथ बिना किराया चुकाए रहते हों.
हाउस रेंट क्लेम लेने के लिए क्या करें?
अगर आप किसी रिश्तेदार के यहां रहते हैं और एक टैक्सपेयर हैं तो एक रेंट एग्रीमेंट बनवा लीजिए और अपने खाते से ही रिश्तेदार के खाते में रेंट ट्रांसफर कीजिए.
माता-पिता या पत्नी को रेंट दिया जा सकता है. इससे टैक्सपेयर की एचआरए छूट के लिए एलिजिबिलिटी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, पर इसके लिए एचआरए क्लेम करने के नियमों को पूरा करना चाहिए जैसे सारे डॉक्यूमेंट-रेंट स्लिप या बैंक स्टेटमेंट आदि आपके पास होने चाहिए.
अगर आप कानून की धारा 10 (13A) के तहत आयकर में छूट पाना चाहते हैं तो आप कैश का भुगतान बैंकिंग माध्यम से करें. इसके अलावा आप लीव ऐंड लाइसेंस अग्रीमेंट भी बनवाएं जो ज्यादा महंगा नहीं बनता है.
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