अगर कोई व्यक्ति सरकार को टैक्स देने से मना कर दे तो क्या होगा? सिर्फ जुर्माना लगेगा या जाना होगा जेल
Income Tax: टैक्स देने से देश का रेवेन्यू बढ़ता है, जिसका इस्तेमाल कई डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स के लिए किया जाता है. वहीं टैक्स न चुकाने पर कई तरह की कार्रवाई भी हो सकती है.
Income Tax: सरकार को टैक्स देना हर भारतीय की जिम्मेदारी होती है. इससे न केवल देश का रेवेन्यू बढ़ता है, बल्कि टैक्सपेयर्स को भी कई बेनिफिट्स मिलते हैं. वहीं टैक्स न चुकाने पर इंटरेस्ट, पेनाल्टी लगने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है. आइए जानते हैं कि टैक्स न चुकाने के क्या परिणाम हैं.
बता दें कि भारत में पुरानी और नई दो तरह की कर व्यवस्थाएं हैं. हर एक का टैक्स स्लैब अलग होता है और नियम भी अलग होते हैं. इंसान अपनी इनकम के हिसाब से इन्हें चुन सकता है.
पुरानी कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब
- 2.5 लाख तक: शून्य
- 2.5 लाख से 5 लाख रुपये: 5 परसेंट
- 5 लाख से 10 लाख: 20 परसेंट
- 10 लाख से ऊपर: 30 परसेंट
इसके तहत 5 लाख रुपये तक की आय वाले लोग आयकर (आई-टी) अधिनियम की धारा 87ए के तहत 12,500 रुपये तक छूट का दावा कर सकते हैं.
नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब
- 3 लाख तक: शून्य
- 3 लाख से 7 लाख: 5 परसेंट
- 7 लाख से 10 लाख: 10 परसेंट
- 10 लाख से 12 लाख: 15 परसेंट
- 12 लाख से 15 लाख: 20 परसेंट
इसमें व्यक्तिगत आय पर मानक कटौती की सीमा 75,000 रुपये है.
टैक्स न जमा करने पर भुगतने होंगे ये परिणाम
लेट फाइलिंग- देर से आयकर रिटर्न दाखिल करने पर इनकम टैक्स सेक्शन 234 एफ के तहत पेनाल्टी देनी पड़ती है. यदि आपका टोटल इनकम 5 लाख से अधिक है, तो 5,000 रुपये तक की पेनाल्टी देनी पड़ेगी, जबकि 5 लाख तक की आय के लिए 1,000 रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
इंटरेस्ट- टैक्स न चुकाई जाने वाली राशि पर इनकम टैक्स की धारा 234 ए के तहत इंटरेस्ट लगाया जाता है. रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट हर महीने 1 परसेंट की दर से ब्याज वसूलता है. इसी तरह से सेक्शन 234 बी के तहत एडवांस टैक्स पर भी हर महीने 1 परसेंट की दर से ब्याज लगता है. जबकि सेक्शन 234 सी के तहत अगर कोई एडवांस टैक्स की किस्तों का समय से भुगतान नहीं करता, तो उस पर प्रति माह 1 परसेंट की दर से ब्याज लगाया जाता है.
इनकम टैक्स से नोटिस- आयकर विभाग की धारा 156 के तहत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर से टैक्स, पेनाल्टी या इंटरेस्ट डिमांड करता है. इनकी अनदेखी करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
कठोर दंड- इनकम टैक्स की धारा 270ए, 276सीसी के तहत चाहे जानबूझकर की गई हो या अनजाने में, टैक्स की चोरी करने पर कठोर दंड देने का प्रावधान है. धारा 270ए के तहत आय की गलत जानकारी देने पर देय टैक्स के 50 से 200 परसेंट के बराबर राशि का जुर्माना लगाया जाता है. वहीं, धारा 276सीसी के अनुसार, जानबूझकर कर चोरी करने पर जुर्माने के साथ-साथ तीन महीने से लेकर सात साल तक की कैद हो सकती है.
इसी के तहत, आयकर विभाग चाहे तो टैक्स की बकाया राशि वसूलने के लिए आपकी संपत्ति जब्त कर सकता है, वेतन से डायरेक्ट टैक्स की राशि काट सकता है. इसके साथ ही साथ टैक्स चुकाने में देरी या न चुकाने का असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है. वहीं कई गंभीर मामलों में आपका पासपोर्ट तक रद्द हो सकता है.
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