Real Estate Sector Indexation Benefit: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने प्रॉपर्टी बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स ( Long Term Capital Gain Tax) को कैलकुलेट करने के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट को हटा दिया है जिससे पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में हड़कंप मचा है. वित्त मंत्री ने प्रॉपर्टी बेचने पर लगने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाकर 20 फीसदी से 12.50 फीसदी कर दिया है लेकिन इंडेक्सेशन का बेनेफिट नहीं मिलेगा. सरकार और वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी इस फैसले का बचाव कर रहे हैं. लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले के चलते रियल एस्टेट सेक्टर में जारी तेजी पर ब्रेक लग सकती है. 


विदेशी ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए (CLSA) ने इंडिया प्रॉपर्टी सेक्टर आउटलुक पर अपनी रिपोर्ट में कहा, इंडेक्सेशन बेनेफिट के खत्म किए जाने से रियल एस्टेट सेक्टर में छोटी अवधि वाले निवेश और जहां कीमतें बेहद कम बढ़ी है उसके लिए नेगेटिव साबित होगा. सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में कहा, इस फैसले का असर उन एंड-यूजर्स पर नहीं पड़ेगा जो अपने मौजूदा घर को बेचकर नए घर में निवेश कर रहे हैं. लेकिन इसका असर उन निवेशकों पर जरूर पड़ेगा जो अपना घर बेचकर दूसरे एसेट क्लास में उस पैसे को निवेश करते हैं. 


सीएलएसए के मुताबिक नया रिजीम उन निवेशकों के लिए नेगेटिव साबित होगा जिनका घर खरीदने के बाद उसका होल्डिंग पीरियड 10 साल से कम है और जिस प्रॉपर्टी की कीमत सालाना 10 फीसदी से कम दर से बढ़ी है. लेकिन लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का नया रिजीम वैसे लोगों के लिए न्यूट्रल या फायदेमंद साबित होगा जिसमें प्रॉपर्टी की होल्डिंग पीरियड 10 साल या उससे ज्यादा है और जहां प्रॉपर्टी की कीमतों 10 फीसदी से ज्यादा दर के साथ सालाना बढ़ी है.


प्रॉपर्टी बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को कैलकुलेट करने के लिए इंडेक्सेशन बेनेफिट को खत्म करने के फैसले की हो रही आलोचना के बाद इनकम टैक्स विभाग ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जाकर सफाई दी है. अपनी पोस्ट में इनकम टैक्स विभाग ने कहा, रियल एस्टेट में 20% से इंडेक्सेशन के बिना 12.5% ​​तक लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स में कमी से लगभग सभी मामलों में लाभ होगा. टैक्स विभाग के मुताबिक, रियल एस्टेट सेक्टर में आम तौर पर 12-16 फीसदी रिटर्न सालाना मिलता है जो कि महंगाई दर से ज्यादा है. महंगाई दर  4-5 फीसदी के दायरे में है, जो होल्डिंग की अवधि पर निर्भर करता है. इसलिए, ऐसे ज्यादातर टैक्सपेयर्स पर्याप्त टैक्स सेविंग की उम्मीद है. 











इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक इंडेक्सेशन के बिना नई टैक्स रेट ज़्यादातर मामलों में फायदेमंद है. 5 साल पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी के लिए, नई व्यवस्था तब फायदेमंद है जब संपत्ति की कीमत 1.7 गुना या उससे ज्यादा बढ़ गई हो. 10 साल से रखी गई प्रॉपर्टी के लिए, यह तब फायदेमंद है जब कीमत 2.4 गुना या उससे ज्यादा बढ़ गई हो. इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक 54 EC बॉन्ड (50 लाख रुपये तक) लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के निवेश या घर खरीदने या बनाने (10 करोड़ रुपये तक) पर कुछ मामलों में छोड़कर कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होता है. 


जाहिर है सरकार अपने फैसले के बचाव में जुटी है. बजट में जैसे ही ये एलान किया तब रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े शेयरों में जोरदार गिरावट देखने को मिली. लेकिन बुधवार 24 जुलाई के कारोबारी सत्र में सरकार की ओर स्पष्टीकरण आने के बाद रियल एस्टेट सेक्टर के स्टॉक्स में जोरदार तेजी देखने को मिली है.  


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