इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने करीब 8 हजार ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा है, जिन्होंने धर्मार्थ संस्थानों (Charitable Trusts) को दान दिया था. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को शक है कि संबंधित टैक्सपेयर्स ने इनकम छुपाने और टैक्स चुराने के लिए चैरिटेबल ट्रस्ट्स को डोनेशन दिखाया है.


इस कारण भेजे गए नोटिस


ईटी की एक खबर में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों के हवाले ये यह जानकारी दी गई है. अधिकारियों का कहना है कि जिन टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजे गए हैं, उनके द्वारा दिखाए गए डोनेशन उनकी कमाई व खर्च से मेल नहीं खाते हैं. नोटिस पाने वाले टैक्सपेयर्स में वेतनभोगी, अपना व्यवसाय चलाने वाले और कुछ कंपनियां शामिल हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजरें उन टैक्स प्रोफेशनल्स पर भी हैं, जिन्होंने संबंधित टैक्सपेयर्स को इस तरह का लेन-देन करने में मदद की है.


सभी मामलों में कॉमन ये बात


अधिकारी ने बताया कि जिन 8 हजार मामलों में नोटिस भेजे गए हैं, उनमें कुछ बातें कॉमन हैं. इन मामलों में सटीक उसी रकम का डोनेशन दिखाया गया है, जो टैक्स स्लैब को कम करने या पूरी तरह से छूट पाने के लिए जरूरी थी. इसके अलावा एक और जो बात कॉमन है, वह है कि सभी मामलों में डोनेशन कैश में किए गए. इसी तरह वेतन से कमाई पर निर्भर टैक्सपेयर्स के द्वारा टैक्स पेशेवरों को काफी ज्यादा भुगतान किया गया है.


हाल ही में भेजे गए नोटिस


खबर के अनुसार, संबंधित 8 हजार टैक्सपेयर्स को ये नोटिस मार्च के मध्य से अप्रैल की शुरुआत के दौरान 3 सप्ताह में भेजे गए हैं. भेजे गए नोटिस असेसमेंट ईयर 2017-18 से 2020-21 के लिए हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में और टैक्सपेयर्स को इस तरह के मामलों में नोटिस दिया जा सकता है.


टैक्स चोरी में मदद करते हैं ट्रस्ट


अधिकारियों ने कहा कि कंपनियों के मामले ज्यादातर छोटे फर्म्स से जुड़े हैं. उन्होंने चैरिटेबल ट्रस्ट्स को जो रकम दान की है, वह उनकी कमाई से कहीं मेल नहीं खाती है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में ट्रस्ट एक कमीशन काटकर बाकी नकदी रकम और दान की पर्ची टैक्सपेयर्स को दे देते हैं, जिससे उन्हें कर चोरी करने में मदद मिलती है.


ट्रस्टों पर ये कार्रवाई संभव


इन मामलों के प्रकाश में आने के बाद अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ट्रस्टों के ऊपर सख्ती करने की तैयारी में है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन ट्रस्टों की कुंडली खंगाल रहा है, जो टैक्सपेयर्स को टैक्स की चोरी करने में फर्जी बिल जारी कर मदद पहुंचाते हैं. अधिकारियों ने कहा कि अभी फिलहाल ऐसे ट्रस्टों के ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, लेकिन अगर कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो टैक्स से छूट का उनका दर्जा समाप्त किया जा सकता है.


ये भी पढ़ें: अक्षता मूर्ति ने एक झटके में गंवा दिए 500 करोड़ रुपये, इस एक कारण ने कराया इतना नुकसान