Income Tax: आयकर विभाग भेज सकता है 7 तरह के नोटिस, ITR भरने में की होगी गलती तो आपको भी मिलने की आशंका
Income Tax Return: आयकर विभाग की ओर से सात तरह के नोटिस भेजे जा सकते हैं. अगर आपने वित्त वर्ष 2023 के लिए रिटर्न दाखिल किया है तो नोटिस की वजह के बारे में जान लेना चााहिए.
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अगर आपने आईटीआर फाइल कर दिया है तो आपका इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट की ओर से कुछ वजहों से नोटिस आ सकता है. हालांकि अगर आप पूरी जानकारी सही—सही भरते हैं तो परेशान होने की आवश्यकता नहीं है. आयकर विभाग ऐसे में नोटिस नहीं भेज सकता है.
अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरने जा रहे हैं तो आयकर विभाग की ओर से सलाह दी जाती है कि आप अपना रिटर्न समय पर और सही तरीके से दाखिल करें. किसी तरह की समस्या आ रही है तो आप आयकर विभाग से सलाह ले सकते हैं. यहां 6 तरीके के आयकर नोटिस के बारे में जानकारी दी गई है, जिसके बारे में आपको जान लेना चाहिए.
धारा 143(2) के तहत नोटिस
एक टैक्सपेयर्स, जिसने धारा 139 या 142(1) के तहत रिटर्न भरा है. उसे आयकर अधिनियम की धारा 143(2) के तहत नोटिस दिया जा सकता है. अगर मूल्यांकन अधिकारी (एओ) को लगता है कि टैक्सपेयर्स ने कुछ गलत जानकारी शेयर की है या फिर आय से संबंधित कोई जानकारी देने में चूक हुई है तो वह नोटिस भेज सकता है. एक्सपर्ट के मुताबिक एओ अधिकारी ऐसे में नोटिस के माध्यम से टैक्सपेयर को कोई सबूत पेश करने के लिए कह सकता है.
धारा 156 के तहत सूचना
आयकर की धारा 156 के तहत भी नोटिस जारी किया जा सकता है, जब मूल्यांकन अधिकारी को किसी टैक्स, ब्याज, जुर्माना या व्यक्ति की ओर से किसी अन्य राशि की मांग की जाती है.
धारा 245 के तहत रिफंड के सेट-ऑफ पर नोटिस
आईटी डिपॉर्टमेंट ऐसे टैक्सपेयर्स को नोटिस भेज सकता है, जिनका पिछले वित्त वर्ष के दौरान टैक्स बकाया है. ऐसे में इन टैक्सपेयर्स को धारा 245 के तहत नोटिस भेजा जा सकता है. ऐसे टैक्सपेयर्स को रिफंड भी देरी से जारी की जाती है.
धारा 139(9) के तहत दोषपूर्ण रिटर्न के लिए नोटिस
रिटर्न में अधूरी या असंगत जानकारी या किसी अन्य कारण से रिटर्न को दोषपूर्ण माना जा सकता है. आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को इसकी जानकारी देने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 139(9) के तहत नोटिस दे सकता है. अगर करदाता को ऐसी सूचना की तारीख से 15 दिनों की अवधि के भीतर रिटर्न दाखिल करना होता है.
धारा 142(1) के तहत नोटिस
इस धारा के तहत नोटिस तब जारी किया जा सकता है जब किसी व्यक्ति या इकाई ने पहले ही अपना आयकर रिटर्न दाखिल कर दिया हो और एक्स्ट्रा जानकारी जमा करने की आवश्यकता हो.
धारा 148 के तहत नोटिस
यह नोटिस तब जारी किया जा सकता है जब आयकर विभाग संदिग्ध कम आय के कारण पिछले मूल्यांकन रिटर्न को फिर से भरने के लिए कहता है.
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