इन कारणों से आ सकता है इनकम टैक्स विभाग से नोटिस, जानें कैसे बचें गलतियों से
कई बार आईटीआर समय से फाइल कर देने के बावजूद आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से टैक्स नोटिस आ सकता है. जानें कौन सी वो गलतियां हैं जिनके चलते आपको टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ सकता है और आप कैसे उनसे बच सकते हैं.
नई दिल्लीः इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख बढ़ गई है और अब आप 31 अगस्त तक अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं. आपके लिए ये जानना जरूरी है कि ऐसे कौन-कौन से कारण हैं जिनकी वजह से आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से टैक्स नोटिस आ सकता है. सिर्फ समय पर टैक्स रिटर्न फाइल करना ही जरूरी नहीं है बल्कि कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है वर्ना आपको आईटी विभाग के टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ सकता है.
ये कारण हैं जिनकी वजह से आ सकता है इनकम टैक्स का नोटिस
1. समय से रिटर्न न भरने के कारण टैक्स नोटिस आना अगर आप तय डेडलाइन के मुताबिक अपना इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं तो आपको इनकम टैक्स विभाग की तरफ से रिमाइंडर नोटिस आ सकता है. आपको ऐसेसमेंट इयर के आखिर तक नोटिस आ सकता है जिस साल के लिए आपका रिटर्न बाकी है. अगर आप तय समय पर रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो आपको लेट फाइलिंग फीस भरनी पड़ेगी. अगर आप आईटीआर भरने की डेडलाइन मिस कर देते हैं तो और मौजूदा वित्त वर्ष का रिटर्न 31 दिसंबर 2019 तक भरते हैं तो आपको 5000 रुपये तक की पेनल्टी देनी होगी. हालांकि ये पेनल्टी बढ़कर 10,000 रुपये हो जाएगी अगर आप 1 जनवरी 2020 के बाद इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं. तय समय में आईटीआर न भरने की सूरत में सेक्शन 139 (1) के तहत टैक्सपेयर्स को रिमाइंडर नोटिस भेजा जा सकता है और अगर बढ़ी हुई डेडलाइन के भीतर भी आईटीआर न भरा जाए तो टैक्सपेयर्स को सेक्शन 142 (1) (आई) के तहत विभाग नोटिस भेज सकता है.
2. फॉर्म 26एएस के मुताबिक टीडीएस क्लेम भरने में की गई गलती आईटीआर फाइल करते समय टीडीएस ठीक उतना ही होना चाहिए जितना फॉर्म 26एएस, फॉर्म 16ए या फॉर्म 16 में दिया गया हो. हालांकि कुछ कारणों की वजह से दी गई डिटेल्स मिसमैच हो सकती हैं लेकिन टीडीईस मिसमैच होने की सूरत में सेक्शन 143 (1) के तहत नोटिस आ सकता है. नोटिस से बचने के लिए आईटीआर भरने से पहले फॉर्म 26एएस को अच्छी तरह चेक कर लेना चाहिए और ये जांच लेना चाहिए कि विभिन्न डिडक्टर्स के जरिए काटा गया टीडीएस ठीक हो और उसके बाद ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए. जो टीडीएस काटा गया है वो अगर ठीक न हो तो आईटीआर भरने वाले को जिसने टीडीएस काटा है, उसके पास जाना चाहिए और उनकी रिपोर्ट को सही कराना चाहिए.
3. इक्विटी से मिले हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की गलत रिपोर्टिंग आईटीआर फाइल करते समय इक्विटी और इक्विटी रिलेटेड म्यूचुअल फंड से मिले हुए एलटीसीजी (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स) की गलत रिपोर्टिंग करने पर नोटिस आ सकता है. लिहाजा आपको सुनिश्चित करना पड़ेगा कि आपपने सही कम्प्यूटेशन किया हो और आपको सही जानकारी आईटीआर में भरनी पड़ेगी. टैक्स नोटिस से बचने के लिए कैपिटल गेन की सही रिपोर्ट या तो ब्रोकर से मिली हो या सीधा आपके म्यूचुअल फंड हाउस से मिली हो उसका जिक्र होना चाहिए. अगर आपने थोड़ी भी गलती कर दी तो टैक्स विभाग आपको बाकी बचा टैक्स नोटिस के जरिए भरने के लिए कह सकता है.
4. इनकम की सही जानकारी न देने पर अगर आपने विभिन्न आय के स्त्रोतों जैसे बैंक, किराएदारों से मिली इनकम के बारे में सही जानकारी न दी तो भी आपको टैक्स नोटिस आ सकता है. रेवेन्यू अथॉरिटीज एसेसी की आय के अलग-अलग स्त्रोतों जैसे बैंक, एंप्लॉयर्स, किराएदारों और कई देशों के बीच साझा की गई जानकारी के आधार पर भी इनकम टैक्स का निर्धारण कर सकती है. अगर आपने कोई भी ऐसी इनकम की जानकारी नहीं दी जो टैक्स अथॉरिटीज की जानकारी में पहले से है तो आपको टैक्स नोटिस आ सकता है. नॉन डिस्कलोजर ऑफ इनकम के तहत सेक्शन 139 (9) और सेक्शन 143 (1) के तहत आपको टैक्स नोटिस आ सकता है.
ऐसे टैक्स नोटिस से बचने के लिए आपको आईटीआर रिटर्न भरने से पहले अपनी सारी आर्थिक स्टेटमेंट को इकट्ठा कर लेना चाहिए और इसमें इनकम के अलग-अलग स्त्रोतों की जांच कर लेनी चाहिए. इसके बाद ही आपको आईटीआर फाइल करना चाहिए. लिहाजा आपको पहले ही फॉर्म 26एएस और अन्य इनकम के बारे में जानकारी देने वाले स्त्रोत का अध्ययन कर लेना चाहिए.
5. पति या पत्नी के नाम पर किए गए निवेश की सही जानकारी न देना कई बार ऐसा होता है कि टैक्सपेयर ने अपने पति या पत्नी के नाम पर कुछ निवेश कर रखे होते हैं जिनके बारे में वो अपने इनकम टैक्स रिटर्न में नहीं दिखाते हैं. ऐसे मामलों में आपको इस निवेश से मिलने वाली इनकम को अपनी आय में दिखाना जरूरी होता है और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ सकता है. लिहाजा अगर आप टैक्स नोटिस का सामना नहीं करना चाहते तो अगर अपने पति या पत्नी के नाम से कुछ निवेश कर रखा है तो उसकी पूरी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न में देनी चाहिए.
इस तरह आपको जान लेना चाहिए कि किन-किन नियमों के तहत आपको टैक्स नोटिस का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप भी ऐसा कुछ कर रहे हैं तो आपको टैक्स नोटिस आ सकता है और इनसे बचने के लिए आपको समय से टैक्स रिटर्न फाइल भी करना चाहिए और ऊपर बताई गई बातों का ध्यान भी रखना चाहिए.