Income Tax: आपके आईटीआर पर आईटी डिपार्टमेंट करता है पूरा भरोसा, केवल एक फीसदी की होती जांच
Income Tax Trust Based Model: आपके आईटीआर को इनकम टैक्स सच मानकर स्वीकार कर लेता है. केवल एक फीसदी आईटीआर की ही जांच होती है.इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ट्रस्ट बेस्ड मॉडल पर काम करता है.
ITR Scruitny: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आप पर पूरा भरोसा करता है. आप आईटीआर के तहत जो भी फाइल करते हैं, उसे सच मानकर स्वीकार कर लेता है. कहीं सुनने में थोड़ा अजीब तो नहीं लग रहा है. लेकिन यह हकीकत है. इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 99 फीसदी मामलों में यह सही है. केवल एक फीसदी आईटीआर की ही जांच होती है. उसमें भी अधिकतर मामलों में या तो कोई शिकायत होती है या कुछ खास कारण सामने आने पर शंका पैदा होती है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ट्रस्ट बेस्ड मॉडल पर काम करता है.
थर्ड पार्टी रिपोर्टिंग के कारण होती है स्क्रूटनी
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन एक फीसदी आईटीआर की जांच होती है, उनका सेलेक्शन थर्ड पार्टी रिपोर्टिंग के जरिए विश्वसनीय जानकारी मिलने के बाद होता है. एग्रेसिव इनकम एसेसमेंट की नोटिस के लिए आलोचना झेलने के बावजूद सच्चाई यह है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आईटीआर के बाद बहुत ही कम हस्तक्षेप करता है. एल्गोरिद्म बेस्ड डाटा एनालिटिक्स में कुछ असहज कर देने वाला सामने आने के बाद ही इनकम टैक्स डिपार्टमेंट कोई कदम उठाता है. उसमें भी असेसमेंट के लिए कोई केस नए सिरे से खोलने के बाद अपना पक्ष रखने का मौका देता है. इसे फेसलेस और पक्षपात से दूर रखने के लिए काफी हद तक कवायद की गई है.
टैक्स विवाद मैनेजमेंट का सिस्टम है कमजोर
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि टैक्स विवाद को हल करने की दिशा में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का सिस्टम काफी कमजोर है. सीएजी यानी कंट्रोलर एंड ऑडिटर जेनरल ने भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की डायरेक्ट टैक्स डिस्प्यूट में कमियों को उजागर किया है. खासकर बढ़ा-चढ़ाकर किए गए टैक्स डिमांड, गलत इंट्रेस्ट लेवी और अपील ऑर्डर को लागू करने में हो रही त्रुटि, रिफंड में देरी और इस कारण टैक्सपेयर्स को होने वाली प्रताडना पर चिंता जाहिर की है.