भारत में हर आय इनकम टैक्स के दायरे में आती है. यानी नौकरी, कारोबार या किसी भी पेशे से होने वाली आमदनी पर हर व्यक्ति को आयकर देना होता है. हालांकि आयकर विभाग 2.5 लाख रुपये से कम आय वालों को टैक्स में छूट भी देता है. बेसिक छूट की सीमा से अधिक आय वालों को इनकम टैक्स चुकाना ही होता है. क्या आप जानते हैं कि 1 करोड़ की आमदनी वालों को कितना टैक्स चुकाना पड़ता है. चलिए हम आपको इस बारे में जानकारी देते है.


1 करोड़ की आमदनी पर टैक्स


जिन लोगों की सालाना कमाई 1 करोड़ या उससे ज्यादा है उन्हें 30 फीसदी टैक्स चुकाना होता है. यानी 30 लाख रुपये उन्हे टैक्स में चुकाना पड़ता है. टैक्स के ऊपर जो टैक्स लगता है उसे सरचार्ज कहा जाता है. सरचार्ज व्यक्ति की आय पर नहीं बल्कि टैक्सेबल अमाउंट पर लगाया जाता है. भारत में 50 लाख से ज्याद इनकम वालों को सरचार्ज चुकाना होता है. ऐसे में एक करोड़ की राशि पर 30 लाख टैक्स और 10 फीसदी सरचार्ज देना होता है जोकि 3 लाख है. इसके अलावा 30 लाख पर 4 फीसदी सेस भी लगता है जो कि 1.2 लाख है. कुल मिलाकर 1 करोड़ की राशि में से 34.2 लाख टैक्स में ही देना होता है.


कमाई बढ़ने के साथ बढ़ता है टैक्स


वहीं आपको बता दें कि यदि आप सेक्शन 80 सी के तहत टैक्स बचत वाले इंवेस्टमेंट विकल्पों में पैसे लगाते हैं तो इससे 1.5 लाख रुपये तक के इंवेस्टमेंट पर टैक्स में छूट ले सकते हैं. वहीं किसी भी व्यक्ति की कमाई पर आयकर चरणबद्ध तरीके से ही लगता है. जैसे –जैसे कमाई बढ़ती है. वैसे-वैसे टैक्स भी बढ़ता जाता है. सरकार द्वारा हर साल केंद्रीय बजट में इनकम टैक्स स्लैब की समीक्षा की जाती है.


कैसे करें आयकर की गणना

गौरतलब है कि इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80 सी से 80 यू के मुताबिक किए गए निवेश की रकम को जोड़ ले. इसके बाद टैक्स छूट की बेसिक सीमा वाली रकम को उसमें जोड़ दें. इसके बाद कुल आमदनी में से इस रकम को घटा दें. इसके बाद जितनी राशि बचती है उस पर लागू वर्तमान टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको आयकर चुकाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें


Gold Rate Today: वैक्सीनेशन के एलान से गोल्ड-सिल्वर में आने लगी गिरावट, जानें क्या हैं आज की कीमतें


Share Market LIVE Updates: हरे निशान में आया बाजार, उतार-चढ़ाव जारी