नई दिल्लीः नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आज आखिरी तारीख है, लेकिन अब खबरें हैं कि आईटीआर भरने की आखिरी दिन बढ़ेगी. अगर आपने अब तक रिटर्न फाइल नहीं किया है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं है.


आप यहां जान सकते हैं कि कैसे आसानी से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं.


पिछले साल तक देर से रिटर्न दाखिल करने पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाता था, लेकिन इस साल जो आखिरी तारीख तय की जाएगी, उस वक़्त तक आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया तो आप पेनल्टी भरने के लिए तैयार हो जाइये.


इस साल से 31 जुलाई से पहले रिटर्न भरना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि आईटी रिटर्न का सिस्टम सख्त करते हुए समय से रिटर्न फाइल न करने वालों को पेनल्टी देने का नियम लागू कर दिया है. आयकर रिटर्न की पहले के सिस्टम में अगर किसी ने अपने सभी टैक्स चुकाएं हैं तो वो पिछले 2 साल का रिटर्न बिना किसी बाधा के भर सकता था.


सैलरीड क्लास को भरना होगा सहज फॉर्म
टैक्सपेयर्स को ये ही नहीं पता होता कि उन्हें कौनसा आईटीआर फॉर्म भरना है. जान लें कि यदि आपकी आय सिर्फ सैलरी से है तो फिर आईटीआर 1 यानी सहज फॉर्म ही भरें. प्रोपराइटरी बिजनस चलाने वालों के लिए आईटीआर फॉर्म 3 या 4 है. हाल ही में आईटी डिपार्टमेंट ने फॉर्म्स के नंबरों में कुछ बदलाव किया है तो इसका ख्याल रखते हुए अपनी आय के हिसाब से आप फॉर्म को जानें और रिटर्न फाइल करें. अगर आने जरूरी फॉर्म के अलावा किसी और फॉर्म को भरकर रिटर्न फाइल करते हैं तो आईटी डिपार्टमेंट इनकम टैक्स ऐक्ट एक्ट 139(9) के तहत आपको नोटिस भी भेज सकता है. जिसमें आपको तय समय में दोबारा आईटीआर भरने के लिए कहा जा सकता है. यदि आप तय समय में रिवाइज्ड आईटीआर नहीं भर पाते हैं तो आपका आईटीआर रिटर्न फाइल नहीं माना जाएगा.


इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
आपकी इनकम पर निर्भर करेगा कि आईटीआर फाइल करने के लिए किन-किन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी. सैलरीड हैं तो एंप्लॉयर द्वारा दिया गया फॉर्म 16, सेविंग अकाउंट और फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिले ब्याज के स्टेटमेंट्स, टीडीएस सर्टिफिकेट, सभी कटौतियों के प्रूफ, होम लोन पर दिए गए ब्याज का स्टेटमेंट आदि. आपने पिछले फाइनिशल इयर में नौकरी बदली है तो पिछली नौकरी और मौजूदा नौकरी दोनों के फॉर्म 16 की जरूरत होगी. अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि आपको अपने सभी अकाउंट्स की डिटेल देनी है. 2017-18 के समय तो आपको ये भी डिटेल देनी है जिसमें नोटबंदी के दौर में आपने अपने अकाउंट में कैश डिपॉजिट किया हो. अगर आपके पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. एक से अधिक बैंक खाताधारकों के लिए जरूरी है कि वो अपने बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी के बारे में 31 जुलाई से तक इनकम टैक्स रिटर्न में पूरी जानकारी मुहैया करवाए.


एंप्लॉयर से मिले फॉर्म 26AS से करें TDS सर्टिफिकेट्स को चेक
अक्सर टैक्सपेयर्स की परेशानी होती है कि वह टीडीएस को कैसे कैलकुलेट करें. ज्यादातर सैलरीड एंप्लॉयीज को एंप्लॉयर्स से सैलरी टैक्स कटौती के बाद ही मिलती है लेकिन आपक भी ये जांच करनी होगी कि आपके टीडीएस की हर किस्त एंप्लॉयर की ओर से सरकारी खाते में जमा हुई है या नहीं. इसके लिए अपने टीडीएस सर्टिफिकेट में दिए गए अमाउंट को देखकर फॉर्म 26AS चेक करना होगा. फॉर्म 26AS वो एनुएल टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट होता है जिसके जरिए आपके नाम पर सरकारी खाते में जमा हुए सारे टैक्स का सिलसिवलेवार जानकारी दर्ज होती है.


ITR वैरिफिकेशन है बेहद जरूरी
आईटीआर रिटर्न भरना उसके आखिरी स्टेप वेरिफिकेशन के बिना पूरा नहीं माना जाएगा. अगर आईटी डिपार्टमेंट की वेबसाइट से रिटर्न भरा है तो आपको अपलोडेड रिटर्न का वेरिफिकेशन खुद करना होगा, तभी आईटीआर पूरा और वैलिड माना जाएगा. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने रिटर्न को वेरिफाई करने के 6 तरीके टैक्सपेयर्स को दे रखे हैं. अगली स्टोरी में हम बताएंगे कि कैसे आप आईटीआर का वैरिफिकेशन कर सकते हैं जिसमें से एक आधार OTP और नेटबैंकिंग भी हैं.


टैक्स से छूट वाली आय की जानकारी दें
आपको ध्यान रखना होगा कि पीपीएफ अकाउंट पर मिला ब्याज और टैक्स फ्री बॉन्ड्स से हुई कमाई की जानकारी भी आईटीआर में देना जरूरी है. पिछले बजट में ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया था अगर आपकी कमाई और टैक्स से छूट वाली इनकम 2.5 लाख रुपये से ज्यादा होती है, तब भी आपको आईटीआर भरना होगा. तो अगर ब्याज और बॉन्ड से मिली रकम मिलाकर 2.5 लाख रुपये से ज्यदा हो गई तो आपको रिटर्न फाइल करना जरूरी है.