नई दिल्लीः इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए सिर्फ 15 दिनों का समय बचा है. वैसे तो सरकार हर साल आयकर रिटर्न भरने की तारीख में कुछ इजाफा कर देती है लेकिन इस बार भी ऐसा हो ये जरूरी नहीं है. जैसा कि आप जानते हैं पिछले साल से नए नियम लागू कर दिए गए हैं जिनके तहत अगर समय से इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरे गए तो टैक्सपेयर्स को पेनल्टी देनी होगी. ये पेनल्टी 5000 रुपये से लेकर 10,000 रुपये तक हो सकती है.


जानिए पेनल्टी या फीस के क्या हैं नियम


आपके लिए जानना जरूरी है कि इनकम टैक्स रिटर्न समय से न भरने के चलते पेनल्टी के नए नियम क्या हैं. आप 31 जुलाई तक रिटर्न भर सकते हैं लेकिन सरकार के नए नियमों के मुताबिक अगर टाइम पर रिटर्न नहीं भरा तो अलग-अलग समय के मुताबिक अलग-अलग पेनल्टी देनी पड़ सकती है.


1. अगर आपकी सालाना आय 5 लाख रुपये से कम है और आप 31 जुलाई के बाद आयकर रिटर्न भरते हैं तो आपको 1 हजार रुपये की अधिकतम पेनल्टी देनी होगी. चाहें आप 31 मार्च 2020 तक भी रिटर्न भरें तो भी आपको अधिकतम 1000 रुपये तक का लेट फाइन देना होगा.


2. 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले लोगों को 31 जुलाई के बाद इनकम टैक्स रिटर्न भरने पर 5000 रुपये की पेनल्टी देनी होगी.


3. 5 लाख रुपये से ज्यादा आय वाले लोग अगर 31 जुलाई से लेकर 31 दिसंबर 2018 तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे तो 5000 रुपये पेनल्टी देनी होगी.


4. इसके अलावा अगर 5 लाख से ज्यादा आय वाले अगर 31 दिसंबर 2018 के बाद बाद अपना इनकम टैक्स रिटर्न भरेंगे तो उन्हें 10,000 रुपये तक की पेनल्टी देनी होगी.


क्या है पेनल्टी का प्रावधान
सरकार द्वारा आयकर अधिनियम 1961 में धारा 234 F को शामिल किया गया है जो कि 1 अप्रैल 2018 से लागू हो गई है. इसके अंतर्गत इनकम टैक्सपेयर्स को आयकर अधिनियम की धारा (139) 1 में निर्धारित तारीख के बाद आयकर रिटर्न भरने पर पेनल्टी का प्रावधान रखा गया है. यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 (एसेसमेंट इयर 2019-20) का आयकर रिटर्न निर्धारित समय सीमा पर न भरने पर यह पेनल्टी देनी पड़ेगी.


हालांकि हर साल इनकम टैक्स विभाग 5 अगस्त या 7 अगस्त तक आयकर रिटर्न भरने की तारीख बढ़ा देता है पर इस बर भी ऐसा होगा ये निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है. लिहाजा आपको 31 जुलाई तक अपना आयकर रिटर्न हर हाल में भर देना चाहिए.