Pakistan Economy: आर्थिक बदहाली (Economic Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) पर अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूलने का दबाव बढ़ता जा रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने पाकिस्तानी सरकार पर ये दबाव बढ़ाने का काम किया है. आईएमएफ (IMF) की एमडी क्रिस्टलिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने वित्तीय संकट (Financial Crisis) से जूझ रहे पाकिस्तान को अमीर लोगों से ज्यादा टैक्स वसूलने का सुझाव दिया है जिससे गरीबों को राहत दी जा सके.
क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 78वें सत्र के दौरान पाकिस्तान के अंतरिम प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ से मुलाकात के बाद कहा कि यह पाकिस्तान की जनता के हित में है कि देश अपनी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करे और इकोनॉमी की खामियों को दूर करे. आईएमएफ प्रमुख ने कहा, “हम अपने पैकेज में जो बिंदु उठा रहे हैं, वह यह है कि अमीरों से पाकिस्तान ज्यादा टैक्स वसूले और पाकिस्तान के गरीब लोगों के हितों की रक्षा करें. क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि पाकिस्तान के लोग भी अपने देश ऐसा ही चाहते होंगे.
पाकिस्तान में लागू किए जाने वाले सुधारों का जिक्र करते हुए क्रिस्टलिना जॉर्जीवा ने कहा कि पूर्व की खामियों को दूर किया जाना चाहिए. आईएमएफ ने पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने के लिए तीन अरब डॉलर के राहत पैकेज के तहत जुलाई में पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर दे दिए थे. हालांकि इस राहते पैकेज देने के बाद महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. अगस्त महीने में पाकिस्तान में महंगाई दर बढ़तर 27.4 फीसदी पर जा पहुंची है.
आईएमएफ से राहत पैकेज लेने के लिए पाकिस्तान की सरकार को बिजली और पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी करनी पड़ी है. इसके चलते वहां महंगाई बढ़ गई. जिसका खामियाजा पाकिस्तान के नागरिकों को उठाना पड़ रहा है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री काकड़ ने क्रिस्टलिना जॉर्जीवा के साथ अपनी मुलाकात के बाद सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, इस बैठक में पाकिस्तान में आर्थिक स्थिरता और ग्रोथ को मजबूती देने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया.
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