इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन समाप्त होने में अब बस 1-2 दिन का समय बाकी है. टैक्सपेयर बिना जुर्माना दिए 31 जुलाई तक ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इस बीच एक ऐसा दावा किया जा रहा है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस साल रिफंड जारी करने में समय लगा सकता है.


बस दो दिन में पार हो जाएगी डेडलाइन


सबसे पहले आंकड़ों को देखें तो वित्त वर्ष 2023-24 या आकलन वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरे जाने का नया रिकॉर्ड बन सकता है. टैक्सपेयर तेजी सं इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे हैं और आंकड़ा साढ़े पांच करोड़ के करीब पहुंच चुका है. हालांकि टैक्सपेयर इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग पोर्टल में ग्लिचेज से परेशान भी हो रहे हैं, लेकिन उसके बाद भी हर रोज बीसियों लाख आईटीआर फाइल किए जा रहे हैं.


साढ़े पांच करोड़ रिटर्न किए गए फाइल


इनकम टैक्स फाइलिंग पोर्टल के डैशबोर्ड के अनुसार, चालू सीजन में अब तक 12.45 करोड़ टैक्सपेयर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है. 29 जुलाई की सुबह तक के आंकड़ों के अनुसार अब तक 5 करोड़ 43 लाख से ज्यादा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किए जा चुके हैं. टैक्सपेयर्स ने उनमें से 4 करोड़ 91 लाख से ज्यादा आईटीआर को वेरिफाई कर दिया है, जबकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से लगभग 2 करोड़ 36 लाख आईटीआर प्रोसेस किए गए हैं.


इस बार रिफंड में देरी होने की आशंका


टैक्सपेयर्स अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिफंड भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं. अमूमन रिटर्न को प्रोसेस किए जाने के बाद रिफंड का पैसा आने में 5 से 10 दिनों का समय लगता है. इस बीच आईसीडब्ल्यूएआई के गोल्ड मेडलिस्ट चार्टर्ड अकाउंटेंट आनंद लुहार ने दावा किया है कि टैक्सपेयर्स को इस साल रिफंड पाने के लिए ज्यादा इंतजार करना पड़ सकता है.


पहली बार लागू हो रहा एआई-आईटीआर प्रोग्राम


बकौल लुहार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस बार रिटर्न को प्रोसेस करने में एआई का इस्तेमाल कर रहा है. एआई पर बेस्ड जो सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, वह टैक्सपेयर के पैन कार्ड और आधार कार्ड से जुड़ी जानकारियों को एक्सेस करेगा और उसके बाद सारी जानकारियों का रिटर्न में दी गई जानकारियों के साथ मिलान करेगा. डिपार्टमेंट ने एआई-आईटीआर प्रोग्राम को तैयार करने के बाद उसे सफलतापूर्वक टेस्ट कर लिया है और पहली बार इस साल से उसे लागू किया जा रहा है.






 


क्या है इनकम टैक्स का एआई-आईटीआर प्रोग्राम?


लुहार का कहना है कि डिपार्टमेंट इस प्रोग्राम की मदद से टैक्सपेयर के आधार व पैन कार्ड से जुड़े डिटेल के अलावा सभी घोषित व अघोषित बैंक खाते, एफडी-आरडी, अन्य बचत योजनाओं में निवेश, संपत्तियों की खरीद-बिक्री, गाड़ियों की खरीद-बिक्री, विदेश यात्रा, क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन आदि की भी जांच की जाएगी. इन सभी जानकारियों को खंगालने के बाद इनकम टैक्स रिटर्न, एस26 डेटा आदि का मिलान किया जाएगा. उनका दावा है कि डिपार्टमेंट की ओर से सभी आईटीआर को जुलाई के आखिरी सप्ताह या अगस्त के पहले सप्ताह में प्रोसेस कर दिया जाएगा.


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