Income Tax Refund: चंद दिनों में मिलने लगा इनकम टैक्स रिफंड, इन उपायों से तेज हुई प्रक्रिया
IT Refund Time: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट करदाताओं के द्वारा किए गए रिटर्न को प्रोसेस करने के बाद हर साल करोड़ों मामलों में रिफंड जारी करता है. पहले इस प्रक्रिया में महीनों का समय लग जाता था...
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हर साल की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने का सीजन शुरू हो चुका है. इसके साथ ही लोगों को इनकम टैक्स रिफंड (Income Tax Refund) भी मिलने लगे हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) करदाताओं के द्वारा फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) को प्रोसेस करने के बाद हर सीजन में करोड़ों रिफंड जारी करता है. बीते कुछ सालों में इसकी प्रक्रिया में व्यापक बदलाव आया है. पहले जहां इसमें महीनों का समय लग जाता था, वहीं अब यह पूरी प्रक्रिया चंद दिनों में निपटायी जाने लगी है.
महज 30 दिनों में जारी हुए इतने रिफंड
इस बारे में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने हाल ही में दिलचस्प जानकारियां दी. उन्होंने सप्ताह के दौरान एक कार्यक्रम में कहा है कि टैक्स रिफंड करने के औसत समय में उल्लेखनीय कमी आई है. उन्होंने बताया कि बीते वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 80 फीसदी मामलों में रिटर्न भरने के 30 दिनों के भीतर करदाताओं को रिफंड जारी कर दिये गये.
इन कारणों से तेज हुई पूरी प्रक्रिया
सीबीडीटी चेयरमैन ने यह भी बताया कि प्रौद्योगिकी के उपयोग से आयकर रिटर्न को प्रोसेस करने और रिफंड जारी करने की प्रक्रिया तेज हो गई है. उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देकर करदाताओं के लिए कारोबारी सुगमता सुनिश्चित की जा रही है. हमने रिटर्न को प्रोसेस करने की प्रक्रिया तेज कर दी है और इस कारण वित्त वर्ष 2022-23 में कर रिफंड में लगने वाला समय औसतन सिर्फ 16 दिन रह गया, जो 2021-22 में 26 दिन था.
एक दिन में होने लगा रिकॉर्ड निपटान
सीबीडीटी चेयरमैन ने कहा कि आईटीआर भरने के एक दिन के भीतर प्रक्रिया पूरी करने के मामले में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. यह आकलन वर्ष 2021-22 में 21 फीसदी था, जो अब बढ़कर 2022-23 में 42 फीसदी हो गया है. विभाग ने 28 जुलाई, 2022 को एक दिन में सर्वाधिक 22.94 लाख रिटर्न का निपटान किया. उन्होंने स्वैच्छिक अनुपालन को आसान बनाने और कानूनी विवाद को कम करने के बारे में कहा कि अपडेटेड रिटर्न यानी आईटीआर-यू की व्यवस्था ई-फाइलिंग पोर्टल पर की गई है, ताकि करदाता संबंधित आकलन वर्ष समाप्त होने के बाद दो साल तक किसी भी समय अपने रिटर्न को अपडेट कर सकें.
फेसलेस व्यवस्था से तेज हुआ ये काम
गुप्ता के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक 24.50 लाख से अधिक अपडेटेड रिटर्न फाइल किए गए हैं. इनसे सरकार को अतिरिक्त कर के रूप में लगभग 2,480 करोड़ रुपये मिले हैं. गुप्ता ने यह भी कहा कि पिछले वित्त वर्ष में फेसलेस तरीके से चार लाख से अधिक आकलन पूरे हुए हैं. फेसलेस प्रक्रिया से संबंधित शिकायतों में 2022-23 के दौरान इससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 60 फीसदी की कमी आई है. फेसलेस व्यवस्था के तहत कर अधिकारियों ने एक लाख से अधिक अपील का निपटान किया है.
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