Income Tax Return: वित्त वर्ष 2023-24 और एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए 72,260,351 आयकर रिटर्न वेरिफाई हुए उसमें से 26 अगस्त 2024 तक केवल 79 फीसदी के करीब ही वेरिफाइड आईटीआर की प्रोसेसिंग हुई है. 21 फीसदी के करीब ऐसे आयकर रिटर्न ऐसे हैं जिनकी अभी तक प्रोसेसिंग नहीं हुई है. जिन टैक्सपेयर्स के आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग नहीं हुई है उनकी सांसें अटकी हुई है.
इनकम टैक्स विभाग के डेटा के मुताबिक, 2024-25 एसेसमेंट ईयर के लिए 74,528,432 आयकर रिटर्न फाइल किए गए जिसमें से 72,260,351 आयकर रिटर्न ही वेरिफाई किए गए. इन 72,260,351 आयकर रिटर्न में 57,160,088 वेरिफाइड इनकम टैक्स रिटर्न की प्रोसेसिंग हो चुकी है जो करीब वेरिफाइड रिटर्न का 79 फीसदी है. लेकिन अभी, 15,100,263 ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिन्हें अपने आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग का इंतजार है जो वेरिफाइड रिटर्न का 21 फीसदी है.
ऐसे में इन 21 फीसदी में कई ऐसे टैक्सपेयर्स हैं जिन्हें आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग के बाद टैक्स रिफंड का इंतजार है. 31 जुलाई, 2024 एसेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख थी. और 70 लाख के करीब (69.92 लाख) इनकम टैक्स रिटर्न ऐसे थे जो 31 जुलाई, 2024 यानि आयकर रिटर्न दाखिल करने के आखिरी दिन फाइल किया गया है.
संसद के मानसून सत्र में वित्त विधेयक ( Finance Bill) पर चर्चा का राज्यसभा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सदन में कहा, इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) की प्रोसेसिंग की अवधि जो वित्त वर्ष 2013-14 में 93 दिन हुआ करती थी वो घटकर 2023-24 में 10 दिन रह गई है.
वित्त मंत्रालय ने 11 अगस्त 2024 को डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) के जो डेटा जारी किए उसके मुताबिक जिस रफ्तार से कॉरपोरेट्स को रिफंड जारी किया जा रहा है उस रफ्तार से पर्सनल इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को रिफंड नहीं मिल रहा है. 11 अगस्त 2024 तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में जहां 4,81,876 करोड़ रुपये पर्सनल इनकम टैक्स वसूली हुई है उसमें केवल 34,546 करोड़ रुपये ही रिफंड टैक्सपेयर्स को जारी किया गया था. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में 3,91,828 करोड़ रुपये पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्ट हुआ था जिसमें 47,482 करोड़ रुपये रिफंड जारी हुए थे. यानि बीते वित्त वर्ष के मुकाबले इस अवधि के दौरान 12,936 करोड़ रुपये या 27.24 फीसदी कम टैक्स रिफंड का भुगतान किया गया है जबकि कॉरपोरेट टैक्स पर 101 फीसदी ज्यादा रिफंड जारी किया जा चुका है.
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