Income Tax Return: साल 2022 31 दिसंबर को खत्म हो जाएगा. ऐसे में कई जरूरी कार्य को पूरा करने का आखिरी डेट (Last Date for ITR) भी 31 दिसंबर है. इसी तरह रिवाइज्ड इनकम टैक्स रिटर्न  (Revised Income Tax Return) को फाइल करने की भी आखिरी डेट 31 दिसंबर तय की गई है. साल 2023 के शुरुआत हो जाने पर रिवाइज्ड आईटीआर का लाभ (ITR Benefits) नहीं उठाया जा सकता है. 


आयकर नियम के अनुसार, अगर किसी ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Tax Filing Return) करने की डेट मिस कर दी है तो वह देरी होने पर विलंबित आईटीआर (Belated ITR) फाइल कर सकता है. इसका मतलब है कि अगर किसी ने 31 जुलाई, 2022 से पहले आईटीआर फाइल नहीं किया है तो उसे विलंबित आईटीआर फाइल करना होगा, जिसकी आखिरी डेट 31 दिसंबर है.


रिवाइज्ड आईटीआर 31 दिसंबर तक भरना होगा


इसी प्रकार, अगर किसी ने आईटीआर फाइल करने के दौरान कोई गलती कर दी है तो वह रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करके गलती को सुधार सकता है. इन दोनों तरह के आईटीआर को फाइल करने की आखिरी डेट 31 दिसंबर, 2022 है और यह फाइनेंशियल ईयर 2021—22 के लिए है. 


विलंबित आईटीआर भरने का प्रॉसेस?


आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139(4) के तहत विलंबित आईटीआर फाइल किया जाता है. हालांकि विलंबित आईटीआर फाइल करने का प्रॉसेस इनकम टैक्स​ रिटर्न फाइल करने के समान ही है. जब आप विलंबित आईटीआर फाइल कर रहे हैं तो कुछ बातें अपने ध्यान में अक्सर रखना चाहिए. व्यक्ति को टैक्स रिटर्न में फॉर्म सलेक्ट करने से लेकर पेनल्टी अमाउंट, ब्याज दर और बकाया टैक्स के बारे में जानना चाहिए. देर से आईटीआर फाइल करने वाले को 5000 रुपये तक का जुर्माना देना होता है.


संशोधित आईटीआर दाखिल करने का नियम


इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139(5) के तहत संशोधित ITR फाइल किया जाता है. यहां भी फाइलिंग की प्रक्रिया ओरिजिनल आईटीआर फाइल करने के समान है. जब कोई भी व्यक्तिगत टैक्सपेयर रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करता है तो उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि धारा 139 (5) का चयन किया गया है  किया गया है कि नहीं और मूल आईटीआर नंबर को भी संभालकर रखना चाहिए, क्योंकि इसकी आवश्यकता रिवाइज्ड आईटीआर फाइल करने के दौरान होती है. 


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