(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
ITR Form: समय से पहले शुरू हुआ सीजन, वित्त वर्ष खत्म होने के 3 महीने पहले ही जारी हो गए आईटीआर फॉर्म
ITR Form: सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी किए हैं. वित्त वर्ष खत्म होने से 3 महीने और फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 से 7 महीने पहले फॉर्म जारी हो गए हैं.
ITR Form: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए हैं. रोचक बात यह है कि इस बार वित्त वर्ष खत्म होने से तीन महीने पहले ही ये आईटीआर फॉर्म जारी कर दिए गए हैं. आईटीआर फॉर्म भरने की अंतिम तिथि 31 जुलाई, 2024 होगी. इस तरह से अंतिम तिथि से सात महीने पहले ही यह फॉर्म जारी हो गए हैं.
बजट पेश करने के बाद फरवरी में आए थे आईटीआर फॉर्म
सरकार ने यह नोटिफिकेशन 22 दिसंबर को ही जारी कर दिया था. पिछली बार सरकार ने बजट पेश करने के बाद फरवरी, 2023 में आईटीआर फॉर्म जारी किए थे. चालू वित्त वर्ष का अंत 31 मार्च 2023 को होगा. इसमें कहा गया है कि टैक्स देने वालों को अभी से अपनी आय की गणना करने में मुश्किल होगी. मगर, यह आईटीआर-1 उन लोगों के लिए है, जिनकी सभी स्त्रोतों से कुल आय 50 लाख से ज्यादा नहीं हो पाएगी.
कौन कर पाएगा इस फॉर्म का इस्तेमाल
नए टैक्स ढांचे के अंतर्गत आने वाली सैलरी, एक प्रॉपर्टी से होने वाली आय या ब्याज एवं डिविडेंड से होने वाली आय और कृषि से 5000 रुपये तक की आय वाले लोग इस आईटीआर-1 का इस्तेमाल कर पाएंगे.
अभी ये लोग नहीं कर पाएंगे इस प्रयोग
हालांकि, किसी कंपनी में डायरेक्टर, गैर लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में निवेश कर चुके लोग, धारा 194N के तहत आने वाले लोग, कैपिटल गेंस और दो संपत्तियों से जिनकी आय हो रही है, वह इस फॉर्म का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
चुनना पड़ेगा पुराना टैक्स रिजीम
साल 2023 के बजट में नए टैक्स ढांचे को डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया था. इसलिए अगर आप पुराने टैक्स ढांचे में ही रहना चाहते हैं तो वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फॉर्म भरते समय आपको ओल्ड टैक्स रिजीम को सलेक्ट करना होगा. अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो टैक्स की गणना नए रिजीम के इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से ही होगी.
नए टैक्स रिजीम में ये टैक्स छूट हो गई हैं खत्म
नए टैक्स रिजीम में एचआरए, एलटीए, सेक्शन 80सी और 80डी आदि के तहत डिडक्शन और टैक्स छूट समाप्त कर दी गई है. हालांकि, नए टैक्स रिजीम में सैलरी से होने वाले आय में 50 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की छूट धारा 80सीसीडी के तहत मिल जाती है. साथ ही कंपनी की तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में दिए जाने वाले योगदान पर भी डिडक्शन का लाभ मिल जाता है.
इनके लिए होता है आईटीआर 4 फॉर्म
आईटीआर 4 फॉर्म उन लोगों के लिए है, जो भारत के नागरिक और हिन्दू अविभाजित परिवार (HUF) कानून के तहत आते हैं. साथ ही उनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इस फॉर्म का इस्तेमाल करते समय भी लोगों को पुराना टैक्स रिजीम चुनना पड़ेगा क्योंकि यहां भी डिफॉल्ट टैक्स रिजीम नया ही है.
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