2.5 लाख से कम है सैलरी! फिर भी फाइल करें इनकम टैक्स रिटर्न, मिलेंगे कई फायदे
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सबसे बड़ा लाभ ये है कि इस डॉक्यूमेंट को आप इनकम प्रूफ की तरह कहीं भी शो कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न रिटर्न फाइल करने के लिए कंपनी की ओर से फॉर्म-16 जारी किया जाता है.
अगर आपने वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है तो जल्द से जल्द इस काम को कर दें. अगर टैक्स छूट की बात करें तो 5 लाख से कम सैलरी वाले लोगों को टैक्स छूट का लाभ मिलता है. वहीं कुछ लोगों को सैलरी 2.5 लाख से भी नीचे होती है. ऐसे में वह सोचते हैं कि उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की क्या जरूरत है.
टैक्स नियमों के मुताबिक देश में 60 साल से अधिक के व्यक्ति को 3 लाख तक की कमाई पर टैक्स नहीं देना पड़ता है. वहीं 80 साल से अधिक के व्यक्ति के लिए 5 लाख तक की सीमा तय की गई है. वह इनकम टैक्स स्लैब में तो आते ही नहीं हैं. लेकिन, ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. आपकी सैलरी भले ही 2.5 लाख रुपये से कम ही हो लेकिन, आपको इनकम टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करना चाहिए. इससे टैक्सपेयर को कई तरह के लाभ मिलते हैं. तो चलिए जानते हैं इस बारे में-
1. लोन मिलने में होती है आसानी
आपको बता दें कि अगर कोई व्यक्ति लोन लेने जा रहा है तो बैंक उसका सबसे पहले सिबिल स्कोर चेक करता है. यह सिबिल स्कोर आपकी इनकम पर आधारित होता है. बैंक आपको कितना लोन कितने समय के लिए देगा और उसके बदलते आपसे कितना ब्याज दर लिया जाएगा, यह सभी बातें आपके इनकम टैक्स रिटर्न पर निर्भर करती है. बैंक होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन आदि पर आपसे कम से कम 3 ITR की मांग करते हैं. इसलिए ITR फाइल करने से आपकी लोन की योग्यता तय होती है.
2. टैक्स रिफंड का मिलता है फायदा
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने पर आपको टर्म डिपॉजिट स्कीम पर ब्याज बचाने में भी मदद मिलती है. इसके साथ ही आप ITR फाइल करके अपने टैक्स रिफंड को क्लेम कर सकते हैं. अगर आपकी कई सोर्स की कमाई 2.5 लाख से ज्यादा है और 5 लाख से कम है तो कटे हुए TDS को क्लेम कर आप अपने टैक्स का रिफंड प्राप्त कर सकते हैं.
3. इनकम टैक्स रिटर्न को इनकम प्रूफ की तरह करें यूज
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का सबसे बड़ा लाभ ये है कि इस डॉक्यूमेंट को आप इनकम प्रूफ की तरह कहीं भी शो कर सकते हैं. इनकम टैक्स रिटर्न रिटर्न फाइल करने के लिए कंपनी फॉर्म-16 जारी किया जाता है. इसमें कर्मचारी की इनकम की जानकारी दर्ज होती है. जो लोग खुद का काम करते हैं या फ्रीलांसर होते हैं वह भी ITR फाइलिंग डॉक्यूमेंट को इनकम प्रूफ की तरह यूज कर सकते हैं.
4. वीजा पाने में करता है मदद
किसी भी देश के लिए वीजा अप्लाई करते वक्त आईटीआर की मांग की जाती है. इससे पता चलता है कि व्यक्ति की सालाना इनकम क्या है. इससे यह भी पता चलता है कि आपकी मौजूदा वित्तीय हालात क्या है और आप विदेश में रहने का खर्चा उठा पाएंगे या नहीं.
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