आयकर रिटर्न फाइल करने की तारीख एक बार फिर बढ़ गई है. सरकार ने व्यक्तिगत आयकरदाताओं के लिए वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 10 जनवरी, 2021 तक कर दिया है. वहीं कंपनियों के लिए रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को भी 15 दिन बढ़ाकर 15 फरवरी कर दिया गया है. पहले 31 दिसंबर आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि थी. यहां यह सवाल आपके जेहन में आ सकता है कि आईटीआर फाइल करना किसके लिए जरूरी है.


सबसे पहले तो यह समझ लें कि आयकर रिटर्न भरना और इनकम टैक्स जमा करना दो अलग-अलग चीजें हैं. इनकम टैक्स रिटर्न भरने का मतलब सरकार को अपनी आमदनी-निवेश और खर्च की जानकारी देना है. आईटीआर भरने के बाद अगर आप पर टैक्स देनदारी बनती है तो आपको टैक्स चुकाना पड़ता है.


किनके लिए जरूरी, किनके लिए नहीं




  • अगर आप भारत के नागरिक हैं या प्रवासी भारतीय हैं और आपकी किसी एक वित्त वर्ष में कुल सालाना आय 2,50,000 रुपये से ज्यादा है तो आपके लिए ITR भरना जरूरी है.

  • अगर आपको नौकरी, कारोबार या पेशे से टैक्स छूट की सीमा से अधिक आमदनी होती है तो आपके लिए ITR फाइल करना जरूरी है.

  • किसी एक वित्त वर्ष में अगर आपकी कुल आमदनी सिर्फ कृषि और उससे जुड़े कार्य से होती है तो आपको आईटीआर भरने की जरूरत नहीं है.

  • अगर आपकी कुल सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम है तब भी आपके लिए आईटीआर भरना जरूरी नहीं है.


सबको भरनी चाहिए ITR




  • लेकिन सच यह है कि सभी को आईटीआर भरनी चाहिए.

  • नौकरी या कारोबार से कुल सालाना आमदनी 2.5 लाख रुपये से कम होने पर भी आईटीआर फाइल की जा सकती है.

  • आप भले ही कोई टैक्स नहीं चुकाते लेकिन अपनी आमदनी का एक ठोस सबूत जमा कराते हैं.


आईटीआर भरने के कई फायदे




  • देश से बाहर नौकरी के लिए आवेदन करने के लिए आपके पास पिछले 3 साल का ITR होना चाहिए. वीजा के लिए आवेदन तभी स्वीकार किए जाते हैं.

  • ITR की जरुरत होम लोन लेते वक्त भी पड़ती है. ITR वास्तव में यह बताती है कि आपकी आय पिछले सालों में कितनी रही है और कर्ज चुकाने के मामले में आपकी क्या स्थिति है.


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