नई दिल्लीः 31 जुलाई को इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख है और अब आपके पास इसके लिए सिर्फ 15 दिन बचे हैं. 15 दिनों का वक्त यूं तो कम नहीं होता लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर भी इन दिनों बहुत ज्यादा लोड हो जाता है और ऐन वक्त पर आपको रिटर्न फाइल करने में परेशानी न हो इसके चलते आपको जल्द से जल्द आईटीआर फाइल कर देना चाहिए.


अक्सर आयकर रिटर्न भरते वक्त कई टैक्सपेयर्स कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिसकी वजह से उनका आईटीआर खारिज हो सकता है. इसलिए यहां जानें कि कौन सी वो सामान्य गलतियां हैं जो आईटीआर भरते वक्त हो जाती हैं और उनसे आपको बचना चाहिए.


सही आईटीआर फॉर्म को चुनें
जो आपकी कैटेगरी है उसी के मुताबिक आप अपने लिए आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें. सैलरीड क्लास के लिए आईटीआर (1) सहज फॉर्म होता है और इसी के जरिए आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न भरना चाहिए. इसी तरह आईटीआर भरने के लिए सात तरह के फॉर्म हैं और अपनी कैटेगरी के मुताबिक आईटीआर फॉर्म को चुनना और सही रिटर्न भरना चाहिए.


सारे बैंक खातों के ब्याज का उल्लेख करें
जबसे सभी बैंक खाते पैन कार्ड और आधार कार्ड से लिंक हो गए हैं आपको बैंक खातों की जानकारी आयकर विभाग से छुप नहीं सकती. लिहाजा अगर आपके एक से ज्यादा बैंक खाते हैं तो उन सभी पर मिलने वाले ब्याज का उल्लेख आपको आईटीआर में करना चाहिए. भले ही आपका खाता दूसरे शहर में हो या दूसरे राज्य में. कुल मिलाकर आपके जितने भी बैंक खाते हैं उन पर मिलने वाली सारी ब्याज आय के बारे में आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त बताना होगा.


आईटीआर फॉर्म में हर तरह की इनकम का खुलासा करें
कई बार टैक्सपेयर्स आईटीआर भरते वक्त सभी तरह की इनकम का खुलासा नहीं करते- जैसे ब्याज से मिलने वाली इनकम, प्रॉपर्टी से मिलने वाली इनकम या किसी अन्य तरह की इनकम आदि. उदाहरण के लिएआपको लॉटरी से किसी तरह की इनकम मिली है या किराये से किसी तरह की आय आ रही है तो इस तरह की सभी जानकारी आपको आईटीआर भरते वक्त देनी चाहिए, अगर आपने ऐसा नहीं किया तो आपको नोटिस आ सकता है.


आयकर छूट मिलने वाली मदों का भी आईटीआर में जिक्र करें
आपको कई तरह के इनकम ऐसी होती है जिसपर आपको आयकर छूट मिलती है, इसका मतलब ये नहीं कि आप उन आय का उल्लेख ही आईटीआर भरते वक्त न करें. आपको पीपीएफ, सेक्शन 80 सी तहत मिलने वाली आयकर छूट वाली मदों का भी उल्लेख आईटीआर भरते वक्त करना चाहिए.


विदेशी संपत्ति अगर है तो उसके बारे में जानकारी  दें
अगर आपकी विदेश में कोई प्रॉपर्टी है तो उसका उल्लेख भी आपको इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त करना चाहिए. आप ऐसा न सोचें कि विदेशी संपत्ति का पता आयकर विभाग को नहीं होता है. अगर आपने विदेश में संपत्ति से हुई इनकम को छुपाया तो आपके ऊपर भारी पेनल्टी लगाई जा सकती है. लिहाजा विदेश में संपत्ति, बैंक खातों, प्रॉपर्टी की जानकारी भी आईटीआर भरते वक्त जरूर दें.


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