Income Tax Slab: अंतरिम बजट पेश होने के बाद जानिए वित्त वर्ष 2024-25 में क्या होगा इनकम टैक्स स्लैब और टैक्स रेट्स!
Income Tax Rates 2024-25: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए नए और पुराने टैक्स रिजीम के टैक्स स्लैब और टैक्स रेट्स आपके लिए जानना बेहद जरुरी है. इसी के आधार पर टैक्सपेयर्स टैक्स बचाते हैं.
Income Tax Slab 2024-25: अंतरिम बजट पेश किया जा चुका है. और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट में इनकम टैक्स स्लैब रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है. ऐसे में हर टैक्सपेयर्स के मन में ये सवाल होगा कि वित्त वर्ष 2024-25 में में इनकम टैक्स रेट्स क्या होगा. नई इनकम टैक्स रिजीम हो या पुरानी इनकम टैक्स रिजीम दोनों ही टैक्स व्यवस्था में टैक्स रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है. फिलहाल यही टैक्स स्लैब मान्य होगा.
ये संभव है कि नई सरकार जब जुलाई में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करे तो टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है. पर फिलहाल अप्रैल 2024 से नए टैक्स स्लैब के आधार पर टैक्सपेयर्स को टैक्स बचाने की प्लानिंग करनी होगी. आइए जानते हैं नई इनकम टैक्स स्लैब और पुरानी इनकम स्लैब क्या रहने वाला है.
नई इनकम टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब
नई टैक्स रिजीम के तहत 2024-25 के लिए इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है ऐसे में नई टैक्स रिजीम के तहत टैक्स रेट्स इस प्रकार होगा. नए टैक्स रिजिम में 7 लाख रुपये तक जिनकी आय है उन्हें कोई टैक्स नहीं देना होता है. सरकार 25,000 रुपये का टैक्स रिबेट देती है. नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत अब 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है. 3 - 6 लाख वाले स्लैब में 5 फीसदी, 6 - 9 लाख रुपये तक के स्लैब पर 10 फीसदी, 9 - 12 लाख रुपये तक के स्लैब पर 15 फीसदी, 12 - 15 लाख रुपये तक के स्लैब पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये से ज्यादा आय पर 30 फीसदी इनकम टैक्स देना होता है.
पुराने इनकम टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब
ओल्ड टैक्स रिजीम के इनकम टैक्स स्लैब पर नजर डालें तो पुरानी टैक्स व्यवस्था में 2.50 लाख रुपये तक के इनकम पर टैक्स छूट है. 2.50 से 5 लाख रुपये तक के आय पर 5 फीसदी, 5 - 10 लाख रुपये तक के इनकम पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से ज्यादा के आय पर 30 फीसदी टैक्स देना होता है. पुरानी टैक्स व्यवस्था में 5 लाख रुपये तक जिनकी आय है उन्हें कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है. 2.50 से 5 लाख रुपये तक के इनकम पर 5 फीसदी के दर से जो 12500 रुपये का जो टैक्स बनता है सरकार उसपर रिबेट देती है.
नई और पुरानी टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये पर बरकार रखा गया है. 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नए और पुराने टैक्स रिजीम अपनाने वाले दोनों ही तरह के टैक्सपेयर्स को मिलेगा.
2024-24 में सेस और सरचार्ज
नए वित्त वर्ष में टैक्सपेयर्स पर जो भी टैक्स बनेगा उन्हें एजुकेशन और हेल्थ सेस के रूप में कुल टैक्स के रकम पर 4 फीसदी सेस भी देना होगा. और जिन टैक्सपेयर्स की टैक्सबेल आय 50 लाख रुपये से ज्यादा है उन्हें टैक्स पर 10 फीसदी अलग से सरचार्ज देना होगा.
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