Section 80C Limit: आयकर विभाग की ओर से सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा किया जाता है. यह छूट कई निवेश योजनाओं के तहत दिया जाता है. मौजूदा समय में कई टैक्स सेविंग योजनाएं, होम लोन और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों में 1.5 लाख रुपये तक सालाना निवेश धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य है. धारा 80 सी के तहत कटौती के लिए योग्य बचत योजनाओं में पीपीएफ, ईपीएफ, एनएससी, एनपीएस, एससीएसएस, बैंकों और डाकघरों में पांच साल के लिए एफडी, ईएलएसएस और म्यूचुअल फंड आदि शामिल हैं.
टैक्सपेयरों की ओर से धारा 80सी की लिमिट बढ़ाने की मांग कई सालों से की जा रही है. यहां तक की कई ग्रुप ने इसे 3 लाख तक करने की मांग की थी, जिसमें आईसीएआई ने अपनी प्री-बजट 2023 सिफारिशों में सरकार को धारा 80सी के तहत लिमिट को 1.5 लाख रुपये से 3 लाख रुपये तक करने की मांग की थी.
क्या सरकार बढ़ाएगी लिमिट
केंद्र सरकार ने अभी तक सेक्शन 80सी के तहत लिमिट नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में यह जानकारी दी गई है. वहीं लिमिट नहीं बढ़ाकर कम दरों के साथ धारा 80सी कटौती के बिना एक नई कर व्यवस्था शुरू की गई है. राज्य वित्त मंत्री पंकज चौधरी ने 31 जुलाई को लोकसभा में कहा कि करों की दरों को कम करके आयकर अधिनियम, 1961 को सरल बनाना सरकार की घोषित नीति रही है. ऐसे में विचाराधीन आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत छूट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
इन योजनाओं का बढ़ा ब्याज
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में राष्ट्रीय बचत सावधि जमा योजना (1 वर्ष और 2 वर्ष) और राष्ट्रीय बचत आवर्ती जमा पर ब्याज दर में क्रमशः 10 बीपीएस और 30 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई है. चौधरी ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए लघु बचत के तहत नेट कलेक्शन 74,937 करोड़ रुपये था.
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