(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Unicorn Startup Incred: देश को मिला दूसरा यूनिकॉर्न स्टार्टअप, 500 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई
InCred Startup: भारत में स्टार्टअप के लिए बुरा दौर चल रहा है इसके बावजूद देश को जेप्टो के बाद इनक्रेड के रूप में इस साल का दूसरा यूनिकॉर्न स्टार्टअप मिला है. इनक्रेड एक फिनटेक स्टार्टअप है.
InCred Startup: साल 2023 खत्म होने से पहले ही देश को दूसरा यूनिकॉर्न स्टार्टअप (Unicorn Startup) मिल गया है. इससे पहले जेप्टो इस साल भारत का पहला यूनिकॉर्न स्टार्टअप बना था. जेप्टो (Zepto) के बाद इनक्रेड (InCred) ने इस साल यह तमगा हासिल किया है. फिनटेक स्टार्टअप (Fintech Startup) इनक्रेड को 500 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है. फिनटेक स्टार्टअप ने नए और हालिया निवेशकों से लगभग 6 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट हासिल किया है.
इंक्रीमेंट वेल्थ ने सबसे ज्यादा पैसे लगाए
इनक्रेड की सहायक कंपनी इंक्रीमेंट वेल्थ ने करीब 3.66 करोड़ डॉलर का इनवेस्टमेंट कर फंडिंग राउंड को लीड किया. इसके अलावा एमजीएमई फैमिली ऑफिस ने 90 लाख डॉलर का निवेश किया है. आरपी ग्रुप ऑफ कंपनीज के अध्यक्ष रवी पिल्लई ने 54 लाख डॉलरऔर डॉयच बैंक के सह प्रमुख राम नायक ने 12 लाख डॉलर इनक्रेड में लगाए हैं. इसके अलावा इनक्रेड स्पेशल ऑपर्च्युनिटी एंड फंड वीसीसी और वेरेनियम कैपिटल एडवाइजर्स ने भी स्टार्टअप में फंडिंग की है.
इनक्रेड की वैल्यू अब 1 अरब डॉलर
इन बड़े निवेशकों के अलावा भी कई लोगों इस स्टार्टअप में पैसे लगाए हैं. इसके चलते इनक्रेड स्टार्टअप की वैल्यू अब 1.03 अरब डॉलर हो गई है. इनक्रेड ने पिछली बार बैकों और वित्तीय संस्थानों से 6.8 करोड़ डॉलर जुटाए थे.
जोमैटो के साथ की थी पार्टनरशिप
पिछले साल ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी जोमैटो (Zomato) ने इनक्रेड के साथ एक पार्टनरशिप की थी. इसके तहत क्रेडिट फेसेलिटी भी उपलब्ध कराई जाती थी. इनक्रेड एसएमई लोन के अलावा, वर्किंग कैपिटल लोन, टर्म लोन और चैनल फाइनेंस भी उपलब्ध कराती है. इसे पर्सनल लोन, मैरिज लोन, मेडिकल लोन, ट्रैवल लोन और एजुकेशन लोन देने के लिए भी जाना जाता है.
इंडिया में स्टार्टअप को 5 साल में सबसे कम फंडिंग
भारत में स्टार्टअप के लिए यह समय कुछ खास नहीं चल रहा. इसके बावजूद इनक्रेड यूनिकॉर्न बना. भारत में टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम में फंडिंग पिछले 5 सालों में सबसे कम रही है. इस साल 5 दिसंबर तक टेक स्टार्टअप को कुल 7 अरब डॉलर की फंडिंग प्राप्त हुई. यह 2022 में प्राप्त की गई 25 अरब डॉलर की फंडिंग की तुलना में लगभग 72 फीसदी कम है. लेट स्टेज फंडिंग में 73 फीसदी, अर्ली स्टेज फंडिंग में 70 फीसदी और और सीड स्टेज फंडिंग में 60 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है.
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