Startups in India: अगले तीन साल में भारत के 51 स्टार्टअप बन सकते हैं यूनिकॉर्न, जानें किस सेक्टर की कौन सी कंपनी
भारत में कुल 51 स्टार्टअप ऐसे हैं, जो बहुत जल्द यूनिकॉर्न बन जाएंगे. इन कंपनियों ने बड़े स्तर पर फंडिंग जुटाई है और जल्द ही इनका मार्केट वैल्यूएशन 1 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
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भारत में स्टार्टअप के लिए आने वाला साल काफी अच्छा होने वाला है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन साल में 51 उच्च ग्रोथ वाले स्टार्ट अप का वैल्यूएशन 500 मिलियन डॉलर से 1 अरब डॉलर तक होने की संभावना है. ASK प्राइवेट वेल्थ हुरुन इंडिया फ्यूचर यूनिकॉर्न इंडेक्स 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 51 स्टार्टप्स ने 9.6 अरब डॉलर का फंड जुटाया है.
स्टार्टअप कब बनता है यूनिकॉर्न
एक कंपनी को यूनिकॉर्न तब माना जाता है, जब वह कंपनी 1 अरब डॉलर का मार्केट वैल्यूएशन प्राप्त कर लेती है. स्टार्ट-अप की इन कैटेगरी को गजेल्स के नाम से जाना जाता है. हुरुन रिपोर्ट 'गज़ेल' को 2000 के बाद स्थापित एक स्टार्ट-अप के रूप में परिभाषित करती है, जिसमें तीन सालों में यूनिकॉर्न बनने की क्षमता है.
स्टार्टअप इकनोमी को देगी नई राह
हरुन इंडिया के संस्थापक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद कहते हैं कि गजेल्स और चीता फ्यूचर की इकनोमी को एक नई राह देते हैं. वे क्या कर रहे हैं और कहां कर रहे हैं. इससे यह संकेत मिलता है कि कौन सा एरिया दुनिया के शीर्ष युवा प्रतिभाओं और सबसे चतुर पूंजी को आकर्षित कर रहे हैं और किन देश या शहर में सबसे अच्छा स्टार्टअप है. हुरुन रिपोर्ट 'चीता' को 2000 के बाद स्थापित एक स्टार्ट-अप के रूप में परिभाषित करती है, जिसमें अगले पांच वर्षों में यूनिकॉर्न बनने की क्षमता है.
किन सेक्टरों में यूनिकॉर्न होने वाले स्टार्टअप्स
यूनिकॉर्न बनने के मामले में फिनटेक सेक्टर 11 स्टार्टप्स यूनिकॉर्न बनने के साथ सबसे आगे है. इसके बाद SaaS सेक्टर से छह हैं. ई-कॉमर्स और एग्रीटेक सेक्टर में चार-चार ऐसे स्टार्टअप्स हैं. इसके अलावा, एथर एनर्जी, एक इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) स्टार्ट-अप, जेप्टो, कमर्शियल स्टार्ट-अप, एक एडटेक स्टार्ट-अप और लीप स्कॉलर शामिल हैं. ये कंपनियां विभिन्न उद्योगों में नयापन लेकर आ रही हैं और ग्रोथ की ओर ध्यान दे रही हैं.
यूनिकॉर्न बनने की उम्मीद में ये कंपनियां
एथर एनर्जी, छलांग विद्वान, जेप्टो, निरीक्षण.एआई, निन्जाकार्ट, रैपिडो, क्लेवर टैप, स्केलर, ग्रेऑरेंज, मेडिकाबाजार और स्मार्टवर्क जैसी कुल 51 कंपनियां हैं. इन कंपनियों ने बड़ी संख्या में निवेशकों को आकर्षित किया है और अच्छी फंडिंग जुटाई है.
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