कोविड-19 से चुनौतियों का सामना करने के लिए भारत के बिजनेस संगठनों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अमेरिका, जापान और ब्रिटेन को भी पीछे छोड़ दिया है. प्राइसवाटरकूपर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय कारोबारी कंपनियां और संगठन कोरोनावायरस को लेकर दृढ़ प्रतिज्ञ दिखे. इसके मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर ने उत्पादन के परंपरागत तरीकों को छोड़ कर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अपनाने में काफी तत्परता दिखाई.


मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर दोनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल 


सरकार के प्रोत्साहन से ऑटोमेटेड वैल्यू चेन में नए प्रयोग को तैयार भारतीय कंपनियों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया. टेक्नोलॉजी कंपनियों ने इसका इस्तेमाल कर यह दिखाया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से उत्पादन में निरंतरता बनाए रखी जा सकती है और इस संकट की घड़ी में इससे जुड़ी समस्याओं का हल खोजा जा सकता है. कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, कॉन्टेक्सलेस थर्मल स्क्रीनिंग जैसी गतिविधियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का काफी इस्तेमाल दिखा.


अस्पतालों और विश्वविद्यालयों में नया प्रयोग 


प्राइसवाटरकूपर्स के मुताबिक यूनिवर्सिटी, स्टार्ट-अप और हेल्थकेयर सेक्टर आर्टिफिशियल-इंटेलिजेंस पावर्ड डायगोनेस्टिक गाइडेंस सिस्टम के जरिये मरीजों की मदद के हेल्थकेयर प्रोडक्ट विकसित किए. इसी तरह यूनिवर्सिटी की ओर से इसकी मदद से पढ़ाई-लिखाई के डिजिटल सॉल्यूशन निकाले गए. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इस दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल में 45 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. अमेरिका में इसमें 35 फीसदी का इजाफा हुआ, ब्रिटेन में 23 और जापान में 28 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया. रिपोर्ट तैयार करने के लिए जिन संगठनों का सर्वे किया गया था उनमें से 70 फीसदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया था. पिछले साल यह दर 62 फीसदी थी.


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