(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
GST On Health Insurance: लाइफ-हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी के खिलाफ विपक्ष का बड़ा प्रदर्शन, 3 साल में सरकार ने वसूले 24530 करोड़ रुपये
GST On Health Insurance: सरकार को संसद को बताया कि हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाकर बीते 3 सालों में 24500 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स वसूली की गई है.
GST On Health & Term Insurance: लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) और मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) के प्रीमियम पर से जीएसटी हटाने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. मंगलवार 6 अगस्त, 2024 को विपक्षी दलों ने लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम भुगतान पर से जीएसटी हटाने की मांग को लेकर बैनर-पोस्टर के साथ संसद परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में नेता विपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi), शरद पवार (Sharad Pawar) समेत संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के सांसद शामिल हुए.
राहुल बोले, स्वास्थ्य-जीवन बीमा को करना होगा GST मुक्त
हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी वसूलने को लेकर मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'जीवन में आने वाले ‘स्वास्थ्य संकट’ में किसी के आगे झुकना ना पड़े, इसलिए पाई-पाई जोड़ कर हर साल हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने वाले करोड़ों आम हिंदुस्तानियों से भी मोदी सरकार ने 24000 करोड़ रुपये जीएसटी लगाकर वसूल लिए. उन्होंने लिखा, हर आपदा से पहले टैक्स का अवसर तलाशना भाजपा सरकार की असंवेदनशील सोच का प्रमाण है. इंडिया गठबंधन इस अवसरवादी सोच का विरोध करता है. उन्होंने लिखा, स्वास्थ्य और जीवन बीमा को जीएसटी से मुक्त करना ही होगा.
जीवन में आने वाले ‘स्वास्थ्य संकट’ में किसी के आगे झुकना ना पड़े, इसलिए पाई-पाई जोड़ कर हर साल हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरने वाले करोड़ों आम हिंदुस्तानियों से भी मोदी सरकार ने ₹24 हज़ार करोड़ वसूल लिए।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 6, 2024
हर आपदा से पहले ‘टैक्स का अवसर’ तलाशना भाजपा सरकार की असंवेदनशील सोच का… pic.twitter.com/PWy1chvwBB
सरकार ने की 24,530 करोड़ रुपये की GST वसूली
सोमवार 5 अगस्त, 2025 को लोकसभा में प्रश्नकाल में लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने सदन को बताया कि पिछले तीन वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी लगाकर 21,256 करोड़ रुपये की वसूली की है. 2021-22 में 5354.28 करोड़ रुपये, 2022-23 में 7638.33 करोड़ रुपये और 2023-24 में 8262.94 करोड़ रुपये मेडिक्लेम पॉलिसी पर जीएसटी लगाकर वसूली की गई है. जबकि हेल्थ रीइंश्योरेंस प्रीमियम पर 3274 करोड़ रुपये जीएसटी वसूली की गई है. पंकज चौधरी ने बताया कि, 1 जुलाई 2017 से जीएसटी के अस्तित्व में आने के बाद से ही हेल्थ इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी लगता आया है. वित्त राज्यमंत्री के लोकसभा में इसी जवाब के बाद विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया.
नितिन गडकरी ने भी की मांग
वित्त राज्यमंत्री ने एक दूसरे प्रश्न के लिखित जवाब में सदन को बताया, लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पर जीएसटी को खत्म करने का दरों को घटाने को लेकर सरकार के सामने कई बार मांगे रखी गई है. बीते हफ्ते सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) को पत्र लिखकर लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) और मेडिकल इंश्योरेंस (Medical Insurance) के प्रीमियम के भुगतान पर से जीएसटी को हटाने की मांग की है.
स्थाई समिति ने भी की सिफारिश
17वीं लोकसभा के कार्यकाल के दौरान इसी वर्ष फरवरी 2024 में जयंत सिन्हा (Jayant Sinha) की अध्यक्षता वाली वित्त मंत्रालय से जुड़ी स्थाई समिति ( Parliament Standing Committee Of Finance) ने इंश्योरेंस प्रोडेक्ट्स और खासतौर से हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी रेट को तर्कसंगत बनाने की सरकार से सिफारिश की थी. समिति ने अपनी सिफारिशों में सरकार से कहा, जीएमटी की ऊंची दरों के चलते पॉलिसीधारकों पर प्रीमियम का बोझ बढ़ जाता है जिससे लोग इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से कतराते हैं. स्थाई समिति ने रिपोर्ट में कहा, देश में कई लोग गरीबी में फिसलने से केवल एक मेडिकल बिल की दूरी पर है ऐसे में अफोर्डेबल प्रीमियम वाले इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स और कैशलेस सेटलमेंट फैसिलिटी से ज्यादा से ज्यादा लोग हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए प्रोत्साहित होंगे.
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